बेटी की शादी के लिए अभियुक्त को पैरोल नहीं देने पर हाई कोर्ट नाराज
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया कि अभियुक्त को बेटी की शादी के लिए पैरोल क्यों नहीं दी गई।
नैनीताल, [जेएनएन]: हाई कोर्ट ने हत्या के मामले में जेल में बंद अभियुक्त को बेटी की शादी के लिए राज्य सरकार द्वारा पैरोल नहीं देने को गंभीरता से लिया है। साथ ही गंभीर अपराधियों को राजनीतिक कारणों के आधार पर पैरोल देने पर भी सवाल खड़े किये।
हरिद्वार निवासी सावित्री देवी ने याचिका दायर कर कहा है कि उसके पति हत्या के मामले में जेल में बंद हैं। उसकी बेटी, जो 40 प्रतिशत दिव्यांग है, की इसी माह शादी होनी है, मगर बेटी की शादी के लिए पैरोल नहीं दी जा रही।
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जबकि हाल में सरकार ने लकड़वाला जैसे अपराधियों को पैरोल मंजूर की। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गृह सचिव को सावित्री देवी द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र पर विचार करने व उत्तर प्रदेश की तर्ज पर पैरोल के लिए कानून बनाने के निर्देश सरकार को दिए।
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नैनीताल हाई कोर्ट ने एक अन्य मामले में हरिद्वार में 2007 से 2009 के बीच विधायक निधि से निर्मित पुस्तकालय को गबन और अनियमितता से मानते हुए सहायक अभियंता अरविन्द मोहन गर्ग व् अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज के निर्देश दिए। कोर्ट ने राज्य सरकार को लाइब्रेरी अपने अधीन लेने को कहा है।
हरिद्वार निवासी दिनेश चंद्र जोशी ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि पुस्तकालय बनाने में विधायक निधि का दुरूपयोग किया गया है। वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार को सख्त निर्देश दिए।
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