Haldwani Railway Encroachment: बनभूलपुरा में 150 मकानों पर "लाल" निशान, चेहरों से उतरा रंग
Haldwani Railway Encroachment रेलवे-प्रशासन व पुलिस ने बनभूलपुरा में रेलवे की जमीन पर बसे घरों का डोर टू डोर सर्वे शुरू कर दिया है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किए थे। शुक्रवार के छह टीमें मैदान में उतरीं और वार्ड 32 के 150 घरों पर लाल निशान लगाए। शुक्रवार को सुबह 10 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक 150 से अधिक मकानों का सर्वे हुआ।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी । Haldwani Railway Encroachment: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रेलवे-प्रशासन व पुलिस ने बनभूलपुरा में रेलवे की जमीन पर बसे घरों का डोर टू डोर सर्वे शुरू कर दिया है।
शुक्रवार को छह टीमों ने लोगों के घरों में जाकर बिजली-पानी के बिल से लेकर घर के दस्तावेज जुटाए। साथ ही वार्ड 32 के 150 घरों पर लाल निशान लगाए। इस प्रक्रिया के दौरान स्थानीय लोगों के चेहरे का रंग उतर गया।
डोर-टू-डोर सर्वे शुरू हो गया
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने स्टेशन से सटी भूमि पर बसे लोगों के पुनर्वास को लेकर राज्य सरकार और रेलवे से सवाल किए थे। इसी क्रम में रेलवे अधिकारियों ने भूमि का सीमांकन व डिजिटल सर्वे पूरा कर लिया है। डोर-टू-डोर सर्वे शुरू हो गया है।
टीमों ने सर्वे में घर के कागज, बिजली-पानी के बिल, घर में रहने वाले सदस्यों की संख्या आदि की जानकारी जुटाई, ताकि पुनर्वास करने में आसानी हो। पूर्व सभासद शकील अहमद सलमानी ने बताया कि मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने बताया कि रेलवे विभाग ने जो 4365 लोगों को नोटिस भेजे थे, उनके घरों का सर्वे किया जा रहा है।
मामले में इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि शुक्रवार को सुबह 10 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक 150 से अधिक मकानों का सर्वे हुआ। टीम में सीनियर सेक्शन इंजीनियर बृजेश कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी, एसडीएम पारितोष वर्मा, तहसीलदार सचिन कुमार, बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी आदि मौजूद रहे।
किराएदारों का भी खंगाला रिकार्ड
सर्वे के दौरान टीमों ने किराएदारों का भी रिकार्ड खंगाला। सर्वे में पता लगाया गया कि मकानों में रहने वाले किराएदार कहां के रहने वाले हैं और बनभूलपुरा में कितने समय से रह रहे हैं। उनका यहां क्या कारोबार है।
राशन कार्ड का लिया जा रहा विवरण
सर्वे के लिए कई विभागों के अधिकारी पहुंचे थे। खाद्य एवं पूर्ति विभाग ने चिह्नित घरों के लोगों से राशन कार्ड मांगे, ताकि यह पता चले कि एक घर में कितने लोग निवास कर रहे हैं और कितनों के राशन कार्ड बने हैं। विभाग की टीम ने पूरा डाटा एकत्रकर शाम को प्रशासन को सौंपा।
ये है पूरा मामला
रेल विभाग का दावा है कि उनकी 29 एकड़ जमीन पर 4,365 परिवारों ने अतिक्रमण कर रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने पांच जनवरी 2023 को एक अंतरिम आदेश में 29 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाने के हाई कोर्ट के निर्देशों पर रोक लगा दी थी और इसे मानवीय मुद्दा करार दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि 50,000 लोगों को रातों-रात नहीं हटाया जा सकता है। इसके बाद अगली सुनवाई में सरकार व प्रशासन से पूछा था कि बनभूलपुरावासियों के पुनर्वास की क्या व्यवस्था है? अब जो सुनवाई होनी है उसमें शासन, प्रशासन व रेलवे को अपनी पक्ष लेकर उपस्थित होने को कहा है। इसके अलावा रेलवे को निर्देश दिए हैं कि वह अपनी जमीन के नए सर्वे रिपोर्ट लेकर पेश होगा।

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