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पिछली गलतियों से नहीं लिया सबक, सफाई में 99 पायदान पीछे सरका हल्द्वानी

पिछली गलतियों से सबक नहीं लेने व स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए समय रहते ठोस प्रबंधन न करने की गलती ने हल्द्वानी को स्वच्छता रैंकिंग में 99 पायदान पीछे धकेल दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 07 Mar 2019 11:54 AM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2019 11:54 AM (IST)
पिछली गलतियों से नहीं लिया सबक, सफाई में 99 पायदान पीछे सरका हल्द्वानी
पिछली गलतियों से नहीं लिया सबक, सफाई में 99 पायदान पीछे सरका हल्द्वानी

हल्द्वानी, जेएनएन : पिछली गलतियों से सबक नहीं लेने व स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए समय रहते ठोस प्रबंधन न करने की गलती ने हल्द्वानी को स्वच्छता रैंकिंग में 99 पायदान पीछे धकेल दिया है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में शहर को 350वां स्थान प्राप्त कर संतोष करना पड़ा है। जबकि पिछली बार यह रैंकिंग 251 थी। स्वच्छता के मामले में हालांकि प्रदेश स्तर पर हल्द्वानी का तीसरा स्थान बरकरार है, लेकिन काशीपुर ने ज्यादा तत्परता दिखाते हुए दूसरा स्थान प्राप्त कर हरिद्वार को पीछे छोड़ दिया है।

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शहरवासियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के मामले में नगर निगम फिसड्डी साबित हुआ है। कूड़ा निस्तारण की समुचित व्यवस्था नहीं होना भी बड़ी वजह है। इस बार गोपनीय तरीके से पहुंची सर्वेक्षण टीम ने धरातलीय निरीक्षण में काफी कमियां पाई। इसका नतीजा रहा कि राज्य व देश के औसत अंकों के लिहाज से हल्द्वानी शहर काफी पीछे रहा। 1250 अंकों में से 123 अंक ही धरातलीय सर्वेक्षण में मिले। सर्टिफिकेशन के लेवल पर सबसे अधिक चिंताजनक स्थिति रही। हल्द्वानी नगर निगम प्रशासन ने स्वच्छता को लेकर किसी तरह का डॉक्यूमेंटेशन प्रस्तुत नहीं किया। इस कारण सर्टिफिकेशन के लेवल पर निगम को 1250 अंकों में केवल 25 अंक मिले।

जानिए सफाई में कहां है अपना शहर

1. सर्विस लेवल प्रोग्रेस

कुल अंक : 1250

प्राप्त किए : 160.3

राज्य औसत : 53.99

देश औसत : 182

2. धरातलीय निरीक्षण

कुल अंक : 1250

प्राप्त किए : 123

राज्य औसत : 554.51

देश औसत : 675

3. सिटीजन फीडबैक

कुल अंक : 1250

प्राप्त किए : 616.5

राज्य औसत : 647.45

देश औसत : 780

4. सर्टिफिकेशन

कुल अंक : 1250

प्राप्त किए : 25

राज्य औसत : 73.28

देश औसत : 208

ओवर ऑल प्रदर्शन

कुल अंक : 5000

प्राप्त किए : 1224.81

राज्य औसत : 1329.22

देश औसत : 1846

यह रही पिछडऩे की प्रमुख वजह

- कूड़ा निस्तारण के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट न होना।

- गीले व सूखे कचरे का अलग-अलग निस्तारण नहीं।

- नालियों की नियमित सफाई नहीं करना।

- सिटीजन फीडबैक के लिए समय रहते जनजागरुकता अभियान न चलाना।

- सेवन स्टार सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन न करना।

- स्वच्छता को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी।

कूड़ा निस्तारण व डाक्‍यूमेंटेशन में पिछड़े

डॉ. जोगेंद्र रौतेला, मेयर ने बताया कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में हमारे यहां बेहतर स्थिति है। कूड़ा निस्तारण व नियमित डॉक्यूमेंटेशन में हम पिछड़े हैं। शहर की रैंकिंग में बेहतर सुधार हो, अगली बार इसके लिए अतिरिक्त प्रयास किए जाएंगे।

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