उत्तराखंड में H3N2 वायरस की दस्तक, दो माह में 12 मामले पॉजिटिव
हल्द्वानी में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा वायरस ने दस्तक दी है जिससे 12 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं। डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल की लैब में जांच के दौरान यह खुलासा हुआ। चिकित्सकों ने बीमारी से बचाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी है। बुखार खांसी और शरीर में दर्द जैसे लक्षणों पर ध्यान देने और सफाई रखने की सलाह दी गई है।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। दिल्ली मुंबई के बाद अब हल्द्वानी में भी एच3एन2 इंफ्लूएंजा वायरस ने दस्तक दी है। डाॅ. सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) की वेनेरियल रोग अनुसंधान प्रयोगशाला (वीडीआरएल) लैब की जांच में पिछले दो माह के भीतर 12 मरीज पाॅजिटिव मिले हैं। कुछ समय पहले चार मरीजों काे एसटीएच में भर्ती कर उपचार भी किया गया। डाॅक्टरों ने बीमारी से बचाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी है।
राजकीय मेडिकल कालेज के अधीन एसटीएच की वीडीआरएल लैब में शहर के विभिन्न अस्पतालों से इंफ्लूएंजा टेस्ट के लिए सेंपल पहुंचते हैं। इनकी जांच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के तहत निश्शुल्क की जाती है। इसके सैंपल गले से लिए जाते हैं। इसमें मोलिक्यूलर टेस्टिंग के बाद इंफ्लूएंजा वायरस के टाइप की पुष्टि होती है।
मेडिकल काॅलेज के माइक्रोबायोलोजी विभाग के एचओडी डा. उमेश ने बताया कि जुलाई माह में कुल 109 सैंपल टेस्ट की जांच की गई। इस दौरान सात मामले पाॅजिटिव निकले। इसमें से छह मरीजों में एच3एन2 वायरस की पुष्टि हुई, जबकि एक मरीज कोविड पाॅजिटिव निकला था।
अगस्त माह में 104 सेंपल की जांच हुई। इसमें भी छह सेंपल इंफ्लूएंजा पाॅजिटिव मिले है। अब मिले 12 पाॅजिटिव मरीजों में करीब चार मरीज एसटीएच में भर्ती भी रहे। चिकित्सकाें के अनुसार जिनका उपचार पूरा हो गया है।
यह होते है एच3एन2 इंफ्लूएंजा के लक्षण
- - तेज बुखार
- - खांसी
- - शरीर में दर्द
- - पेट दर्द
- - गले में खराश
- - कमजोरी
- - उल्टी
- - आंख में दर्द
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तेज बुखार होने पर डाक्टर लें परामर्श- डा. कुंवर
बेस अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डाॅ. एसएस कुंवर ने बताया कि एच3एन2 इंफ्लूएंजा वायरस से बचाव के लिए सफाई का ध्यान रखना होता है। ऐसे में कोई भी काम करने के बाद अपने हाथों को साबुन से जरूर धोऐं। इसके साथ ही भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से पहले मास्क पहनें। यदि कोई इस वायरस से संक्रमित है तो उस व्यक्ति से दूरी बनाएं। खांसी जुकाम आने पर मुंह को अवश्य ढंकें। तरल पदार्थों का सेवन अधिक करें। ज्यादा तेज बुखार होने या सांस लेने में दिक्कत होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें।
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