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सुलगते सवाल : आखिर कब तक कूड़े की आग में भस्म होती रहेगी हरियाली

काठगोदाम बाईपास रोड किनारे स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड के कूड़े में धधकती आग हरियाली की दुश्मन बनी हुई है। कचरे में दिन-रात धधकती आग लोगों की सेहत खराब करने के साथ बेशकीमती पेड़ों की भी जान ले रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 11:24 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 12:11 AM (IST)
सुलगते सवाल : आखिर कब तक कूड़े की आग में भस्म होती रहेगी हरियाली
सुलगते सवाल : आखिर कब तक कूड़े की आग में भस्म होती रहेगी हरियाली

गणेश पांडे, हल्द्वानी। काठगोदाम बाईपास रोड किनारे स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड के कूड़े में धधकती आग हरियाली की दुश्मन बनी हुई है। कचरे में दिन-रात धधकती आग लोगों की सेहत खराब करने के साथ बेशकीमती पेड़ों की भी जान ले रही है। दो हेक्टेयर क्षेत्रफल से अधिक दायरे में फैले कचरे की चपेट में आने वाला हर पेड़ खत्म होता जा रहा है। जमीन की सतह से करीब पांच से सात फीट तक ऊंचे उठ चुके कचरे के ढेर में हरियाली दफन हो चुकी है। बीच-बीच में जो भी पेड़ नजर आ रहे हैं, उनमें अधिकतर सूख गए हैं या सूखने की कगार पर पहुंच चुके हैं। सात साल पहले से प्रस्तावित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड रीसाइकिलंग प्लांट में हल्द्वानी, रुद्रपुर, नैनीताल, किच्छा, लालकुआं, भवाली व भीमताल का कूड़ा निस्तारित किया जाना है।

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अड़चन : पेड़ शिफ्ट करने की फाइल अटकी

नगर निगम को चार हेक्टेयर जमीन पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड रीसाइकिलंग प्लांट बनाना है। निगम की गिनती के मुताबिक इस जमीन पर 434 पेड़ हैं। जिनमें अधिकांश शीशम की प्रजाति के हैं। प्लांट लगने वाले हिस्से में आने वाले पेड़ों को अन्यत्र शिफ्ट किया जाना है। इसके लिए वन विभाग गौलापार में जमीन दे चुका है, लेकिन आचार संहिता के चलते टेंडर नहीं हुआ। रोखड़ वाली भूमि पर पेड़ होने से पेड़ शिफ्ट करना चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है।

दावा : जमीन मिलने से पहले नहीं थे पेड़

निगम अधिकारियों का कहना है कि सात साल पहले जब भूमि की मांग की गई तो उस समय जमीन पर पेड़ नहीं थे। बाद में उड़कर आए बीजों से पौधे उग आए। वर्तमान में शीशम के इन पेड़ों की हाइट दस से 15 फीट तक पहुंच चुकी है।

परियोजना एक नजर में

- जुलाई 2018 में तीस साल की लीज पर चार हेक्टेयर जमीन मिली

- सितंबर 2018 में डीपीआर को टेक्निकल एडवायजरी कमेटी की मंजूरी

- करीब 33.97 करोड़ रुपये की लागत से बनना है प्रोजेक्ट

- अक्टूबर 2014 में 8.72 करोड़ की राशि नगर निगम को जारी

- सिविल वर्क के लिए टेंडर जारी, अचार संहिता के बाद खुलेंगे

तैयारी : अलीगढ़ जाएंगे निगम के अधिकारी

कंपोस्टिंग प्लांट किस तकनीक का होगा, किस मोड में बनेगा समेत दूसरी जानकारी के लिए नगर निगम की टीम नगर निगम अलीगढ़ में बने प्लांट का निरीक्षण करेगी। इसके लिए नगर आयुक्त सीएस मर्तोलिया, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज कांडपाल, अर्बन एक्सपर्ट प्रदीप कोरी 26 अप्रैल को अलीगढ़ जाएंगे।

नगर आयुक्त सीएस मर्तोलिया का कहना है कि ट्रंचिंग ग्राउंड के कूड़े में आग लगाने वालों के खिलाफ दो बार एफआइआर दर्ज कराई गई है। प्लांट स्थापित करने के दायरे में आने वाले पेड़ ही शिफ्ट होने हैं। आचार संहिता हटते ही इस दिशा में काम होगा।

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