Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    61 साल बाद वीरांगना को मिला हक, चार गुना बढ़ी पेंशन; CRPF डीआईजी ने की मदद

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 07:19 AM (IST)

    नैनीताल से मिली खबर के अनुसार 61 साल पहले शहीद हुए गोविंद सनवाल की पत्नी चंद्रा देवी को सीआरपीएफ़ के डीआईजी की मदद से पेंशन मिली। 88 वर्षीय चंद्रा देवी को पहले सिर्फ़ 9 हजार रुपये पेंशन मिल रही थी जो अब बढ़कर 34 हजार रुपये हो गई है। उन्हें बकाया के रूप में 31 लाख रुपये भी मिले हैं।

    Hero Image
    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    गोविंद सनवाल, जागरण हल्द्वानी। गोद में एक साल की बेटी और पति का देश सेवा के लिए बलिदान हो जाना। पति के अब कभी घर न लौटने का गम अपनी जगह है और बेटी के भविष्य की चिंता अलग से। पहाड़ में रहकर घर-गृहस्थी की गाड़ी को खींचने का पहाड़ सा संघर्ष तो था ही।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    61 वर्ष पहले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के बलिदानी दान सिंह की पत्नी चंद्रा देवी ने 27 वर्ष की आयु में यही सब नहीं झेला बल्कि सिस्टम की एक खामी ने उन्हें उनके सम्मानजनक पेंशन के अधिकार से भी दूर रखा।

    पूरी उम्र संघर्ष जारी रहा और अब 88 साल की हो चुकी चंद्रा देवी को सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर काठगोदाम के डीआइजी शंकर दत्त पांडे की सहायता से हक मिला है। मलाल बस यही है कि आज जो पेंशन बढ़कर करीब चार गुना हो गई है, वही अगर शुरुआती संघर्ष के दिनों में मिली होती तो बात कुछ और होती।

    पिथौरागढ़ निवासी सिपाही दान सिंह वर्ष 1960 में सीआरपीएफ की नौ बटालियन में भर्ती हुए थे। 1963 में नार्थ ईस्ट फ्रंटियर रीजन (नेफा) चियांग (अब अरुणाचल प्रदेश) में तैनाती के दौरान भूमिगत आदिवासी विद्रोहियों के साथ मुठभेड़ में दान सिंह समेत आठ अन्य जवान भी बलिदान हुए थे। तब उनकी पत्नी चंद्रा देवी को ग्रेच्युटी के तौर पर एकमुश्त 632 रुपये मिले और प्रतिमाह 26.35 रुपये पेंशन शुरू हुई।

    वर्ष 2024 तक यह बढ़कर नौ हजार रुपये हो पाई। आखिरकार 89 वर्षीय चंद्रा देवी को अब पेंशन के रूप में 34 हजार प्रतिमाह मिलने लगे हैं। साथ ही इसके बकाए के रूप में भी 31 लाख रुपये उन्हें मिले।

    दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से अपने अ‌र्द्धसैन्य बलों के बलिदानी जवानों को याद करते हुए बलिदान तिथि पर स्वजन की समस्याएं सुनने की व्यवस्था हाल के वर्षों में शुरू की गई है। इसी के तहत सीआरपीएफ की ओर से अपने बलिदानी दान सिंह को याद करते हुए 31 मई 2024 को ग्रुप सेंटर के डीआइजी पांडे भी ग्राम बेरीगांव, पिथौरागढ़ पहुंचे।

    तब वीरांगना चंद्रा देवी ने उन्हें बताया कि मात्र नौ हजार रुपये ही पेंशन मिल रही है। बलिदानी दान सिंह को श्रद्धांजलि देने के बाद ग्रुप सेंटर लौटे डीआइजी ने उनके दस्तावेज निकलवाए। इसके बाद लगातार पत्राचार व संवाद चलता रहा। आखिर में चंद्रा देवी के नाम पारिवारिक पेंशन स्वीकृत हो गई।

    परिवार के पास नहीं था बलिदानी का फोटो

    89 वर्षीय चंद्रा देवी के परिवार में उनकी एकमात्र विवाहित पुत्री लीला देवी हैं। आज 62 वर्षीय लीला देवी के पति किशन सिंह भी सेना से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। एक और बात इस प्रकरण में देखने को मिली कि मई 2024 में जब डीआइजी बलिदानी के घर पहुंचे तो उन्होंने चंद्रा देवी से पति की कोई पुरानी फोटो मांगी। लेकिन तब उनके पास कोई फोटो ही उपलब्ध नहीं था।