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शासन ने निकायों से मांगा टैक्स छूट के बोझ का ब्योरा, जरूरत के अनुसार मिलेगा बजट nainital news

नगर निगम ने नए वार्डों में आवासीय भवन कर पर दस वर्ष तक छूट से निगम पर पडऩे वाले आर्थिक भार का आंकलन शुरू कर दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 11:19 AM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 11:19 AM (IST)
शासन ने निकायों से मांगा टैक्स छूट के बोझ का ब्योरा, जरूरत के अनुसार मिलेगा बजट nainital news
शासन ने निकायों से मांगा टैक्स छूट के बोझ का ब्योरा, जरूरत के अनुसार मिलेगा बजट nainital news

हल्द्वानी, गणेश पांडे : नगर निगम ने नए वार्डों में आवासीय भवन कर पर दस वर्ष तक छूट से निगम पर पडऩे वाले आर्थिक भार का आकलन शुरू कर दिया है। यही नहीं, नव सम्मिलित 27 वार्डों में स्वच्छता, स्ट्रीट लाइट, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं देने से निगम पर पडऩे वाले व्यय भार की भी आख्या तैयार होगी। वित्त विभाग के पत्र के बाद नगर निकायों ने इसका आकलन शुरू कर दिया है। नगर आयुक्‍त सीएस मर्तोलिया ने बताया कि वित्त विभाग ने नव सम्मिलित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं जुटाने में व्यय होने वाले संभावित खर्च का ब्योरा मांगा है। इस संबंध में स्वास्थ्य, बिजली व लोक निर्माण अनुभाग से आख्या मांगी गई है।

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निकायों के पास बजट की कमी

सीएम की घोषणा के अनुरूप नए वार्डों को दस साल तक आवासीय भवन कर से बाहर रखने का शासनादेश जनवरी में जारी हो चुका है। सरकार ने भले जनता से टैक्स न लेने का एलान किया हो, लेकिन लोगों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने में बड़ी रकम खर्च होगी। पहले से खराब माली हालत से गुजर रहे निकायों के पास बजट की कमी है। ऐसे में नए वार्डों तक सुविधाएं पहुंचाने में व्यय होने वाली धनराशि की प्रतिपूर्ति के लिए निकाय राज्य सरकार या राज्य वित्त आयोग से धन की मांग कर सकते हैं। वित्त विभाग ने इस संबंध में निकायों से स्पष्ट आख्या मांगी है।

अनुभागों से यह रिपोर्ट मांगी

बिजली : नए क्षेत्र में विद्युत पोल ट्रांसफर, नई लाइन डालने के साथ विद्युत उपकरणों में प्रतिमाह होने वाला व्यय।

स्वास्थ्य : नए क्षेत्रों में सफाई कर्मचारियों की संख्या, वेतन, वाहन, सफाई उपकरण, ईंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, कीटनाशक, दवा आदि पर मासिक व्यय।

लोक निर्माण : सभी कच्ची, पक्की सड़कों व नालियों के निर्माण-रखरखाव, सामुदायिक शौचालय आदि पर अपेक्षित सालाना व्यय।

वित्त विभाग को सीएम की घोषणा पर आपत्ति

सूत्रों की मानें तो शासन के वित्त विभाग ने दस वर्ष तक हाउस टैक्स में छूट देने की सीएम की घोषणा पर आपत्ति जताई है। विभाग का तर्क है कि छूट के बदले खुद पर पडऩे वाले आर्थिक भार की प्रतिपूर्ति के लिए निकाय राज्य सरकार या वित्त आयोग से धन की मांग कर सकते हैं। ऐसे में सीएम की घोषणा से शासन पर पडऩे वाले वित्तीय भार की स्थिति स्पष्ट होनी जरूरी है। बताया जाता है कि इसीलिए आंकलन शुरू हुआ है।

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