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पूर्व नेवी चीफ एडमिरल सुशील कुमार का निधन, 15 सालों से रह रहे थे भवाली में nainital news

1965 व 1971 में पाकिस्‍तान से युद्ध लड़ चुके पूर्व नेवी चीफ एडमिरल सुशील कुमार का दिल्ली में निधन हो गया। रिटायरमेंट के बाद से वे भवाली में रह रहे थे।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 11:10 AM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 09:21 AM (IST)
पूर्व नेवी चीफ एडमिरल सुशील कुमार का निधन, 15 सालों से रह रहे थे भवाली में nainital news
पूर्व नेवी चीफ एडमिरल सुशील कुमार का निधन, 15 सालों से रह रहे थे भवाली में nainital news

नैनीताल, जेएनएन : 1965 व 1971 में पाकिस्‍तान से युद्ध लड़ चुके पूर्व नेवी चीफ एडमिरल सुशील कुमार का दिल्ली में निधन हो गया। रिटायरमेंट के बाद से वे पिछले 15 सालों से नैनीताल जिला मुख्यालय से 16 किमी दूर भवाली के गोलुधार में निवास कर रहे  थे। आज सुबह उनका निधन दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में हुआ। 79 वर्ष एडमिरल सुशील कुमार लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

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30 दिसंबर 1998 से दिसंबर 2001 तक नौ सेना प्रमुख रहे एडमिरल सुशील कुमार ने 1965 व 1971 में भारत पाक युद्ध लड़ा था। गोवा मुक्ति संग्राम में भी वे शामिल रहे। उन्हें जांबाजी के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल मिला था। हालिया जुलाई में प्रकाशित किताब में उन्होंने खुलासा किया था कि संसद हमले के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने सर्जिकल स्ट्राइक की तरह पीओके में  एयर स्ट्राइक की योजना बनाई थी।

एडमिरल सुशील कुमार ने पूर्व पीएम अटल के रक्षा निर्णयों को लेकर लिखी है पुस्‍तक

एडमिरल सुशील कुमार ने अपनी पुस्‍तक ''ए प्राइममिनिस्टर टू रीमेम्बर: मेमोरीज ऑफ़ ए मिलिट्री चीफ'' में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लिए गये प्रमुख रक्षा निर्णयों का जिक्र किया गया है। जिसमें उन्‍होंने लिखा है कि 1999 की कारगिल की लड़ाई अटल बिहारी वाजपेयी की सबसे उत्कृष्ठ उपलब्धियों में से एक थी। उन्होंने सामरिक नुकसान को बेहतरीन विजय में परिवर्तित का श्रेय अटल को दिया है। वाजपेयी ने जवानों को LoC पार न करने और पाकिस्तानी घुसपैठियों को अपने क्षेत्र से बाहर करने का निर्देश दिया था। इस पुस्‍तक में इस बात का भी जिक्र है कि भारतीय संसद पर हुए हमले के बाद वाजपेयी पाकिस्तानी सेना के कैंप को नष्ट करना चाहते थे, लेकिन बाद में किन्ही कारणों से उन्हें इस योजना को टालना पड़ा।

अमेरिका का साथ न देने के निर्णया वाजपेयी ने किया था समर्थन

एडमिरल सुशील कुमार ने अपनी पुस्‍तक में इस बात का भी जिक्र किया है कि तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह 9/11 हमले के बाद अमेरिका-अफ़ग़ानिस्तान युद्ध में अमेरिका को समर्थन देना चाहते थे, लेकिन सैन्य प्रमुख इस पर सहमत नहीं थे, तब वाजपेयी ने सैन्य प्रमुखों के निर्णय का समर्थन किया था।

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