डबल मर्डर केस में एनएसजी कमांडो सहित पांच लोग बरी
हल्द्वानी के चर्चित राजू परगाई और अमित आर्या हत्याकांड में आज एडीजे-प्रथम नितिन शर्मा की अदालत ने मुख्य आरोपी लकी कमांडो सहित पांचों आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
हल्द्वानी, [जेएनएन]: हल्द्वानी के चर्चित राजू परगाई और अमित आर्या हत्याकांड में आज एडीजे-प्रथम नितिन शर्मा की अदालत ने फैसला सुनाया। अदालत ने मुख्य आरोपी लकी कमांडो सहित पांचों आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
डबल मर्डर का मामला 5 सितंबर 2011 का है। अभियोजन घटनाक्रम के मुताबिक भवाली रोड श्यामखेत में कटघरिया हल्द्वानी निवासी राजू परगाई उर्फ बिष्ट तथा उसके साथी अमित आर्य की एक कार में लाश मिली थी। राजू के भाई जमन सिंह ने अगले ही दिन भवाली थाने में कटघरिया हल्द्वानी निवासी लकी कमांडो उर्फ लक्ष्मण सिंह सहित अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
आरोप था कि राजू और अमित को लकी गाड़ी में हल्द्वानी से बिठाकर ले गया। पीछे से दमुवादूंगा हल्द्वानी निवासी लकी के दोस्त हृदयेश कुमार, मनीष कुमार उर्फ मंटू वीरेंद्र सिंह बोरा तथा प्रकाश सिंह बोरा भी मौके पर पहुंचे। इन पांचों ने राजू और अमित को मार डाला। पुलिस ने राजू की हत्या के पीछे वजह 2010 में योगेश सुनोरी हत्याकांड को माना।
दरअसल, योगेश हृदयेश कुमार का दोस्त था। शक था कि योगेश की हत्या राजू परगाई ने की है। योगेश की हत्या का बदला लेने के लिए ही हृदयेश और लकी ने इस हत्याकांड का ताना बाना बुना। न्यायालय में विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष ने 9 गवाह पेश कराए। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता बहादुर सिंह पाल, राजेंद्र सिंह एवं अनिल रजवार ने पैरवी की।
दोनों पक्षों की बहस सुनने और उपलब्ध साक्ष्य के क्रम में न्यायालय ने माना कि अभियोजन यह साबित नहीं कर सका कि दोनों की हत्या इन्हीं पांच आरोपियों ने की है। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह भी नहीं था। परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने पांचों को दोषमुक्त करार दिया।
गुजरात मे तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में भी तैनात रहा है लकी
एनएसजी कमांडो लकी 2011 से पूर्व तीन-तीन माह की ड्यूटी के क्रम में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में भी तैनात रहा है। 2011 में घटना से कुछ दिन पूर्व ही लकी छुट्टी पर घर आया था।
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