अपहरण कर छात्रा से दुष्कर्म में दोषी को सात साल की सजा
दसवीं की छात्रा के अपहरण व शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के दोषी को विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत ने सात साल कठोर कैद की सजा सुनाई है।
देहरादून, [जेएनएन]: दसवीं की छात्रा के अपहरण व शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के दोषी को विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत ने सात साल कठोर कैद की सजा सुनाई है। इस मामले में साजिश में तीन लोगों के शामिल होने की बात सामने आई थी। लेकिन, एक की सुनवाई के दौरान मौत हो गई, जबकि दूसरे आरोपी को अदालत ने बरी कर दिया था।
सरकारी अधिवक्ता बीएस नेगी ने अदालत को बताया कि नेहरू कालोनी थाना क्षेत्र से 17 अप्रैल 2014 को सोलह वर्षीय दसवीं की छात्रा लापता हो गई। छात्रा की मां ने पुलिस को जानकारी दी। जांच में पता चला कि पड़ोस के मकान में काम करने वाला राजमिस्त्री नसीम खान पुत्र आजाद निवासी इस्माइलपुर थाना बिहारीगढ़, सहारनपुर भी गायब है।
चार दिन बाद 21 अप्रैल को छात्रा को नसीम के साथ सहारनपुर रोडवेज बस स्टैंड से बरामद कर लिया गया। इस दौरान पुलिस ने नसीम के दो दोस्तों को भी गिरफ्तार किया था। दोस्तों के नाम सानू व मतलूब निवासी सहारनपुर बताए गए।
मेडिकल में छात्रा के साथ दुष्कर्म की पुष्टि होने के साथ उसने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान में भी रेप की बात कही। मतलूब की सुनवाई के दौरान मौत हो गई, जबकि सानू को अदालत ने बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से सात गवाह पेश किए गए।
वहीं बचाव पक्ष से एक भी गवाह पेश नहीं हुआ। अदालत ने सात साल कैद के साथ 37 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
25 हजार में शादी का सौदा
पुलिस विवेचना में सामने आया था कि आरोपी सानू और मतलूब ने 25 हजार में शादी का सौदा तय किया था। दरअसल, छात्रा को लेकर भागा नसीम पहले अपने घर पहुंचा, मगर उसके पिता ने उसे भगा दिया।
फिर नसीम मुरादाबाद अपने चाचा के यहां पहुंचा, पर चाचा ने भी शरण नहीं दी। फिर गढ़मुक्तेश्वर दोस्तों के पास गया और कुछ रुपये लिए। वहां से सहारनपुर सानू व मतलूब के पास पहुंचा। दोनों ने दिल्ली में अपने जानकारों की मदद से दोनों की शादी कराने का ठेका 25 हजार में तय किया था।
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