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पूर्व मुख्‍यमंत्रियों के बकाया माफी पर फाइनल सुनवाई दो मार्च को nainital news

राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं का बकाया माफ करने से संबंधित अधिनियम को संवैधानिक बताया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 08:53 AM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 08:53 AM (IST)
पूर्व मुख्‍यमंत्रियों के बकाया माफी पर फाइनल सुनवाई दो मार्च को nainital news
पूर्व मुख्‍यमंत्रियों के बकाया माफी पर फाइनल सुनवाई दो मार्च को nainital news

नैनीताल, जेएनएन : राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं का बकाया माफ करने से संबंधित अधिनियम को संवैधानिक बताया है। साथ ही कहा है कि यह अधिनियम संविधान के अनुच्छेद-14 अर्थात समानता के अधिकार का उल्लंघन नहीं करता है। इस पर याचिकाकर्ता ने सरकार के शपथ पत्र का जवाब देने के लिए समय मांगा है। हाई कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्रियों की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया, जिसके बाद फाइनल सुनवाई की तिथि दो मार्च तय कर दी गई।

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रूलक देहरादून ने पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं का बकाया माफ करने से संबंधित अधिनियम को चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की है। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश खुल्बे की खंडपीठ ने इस पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरिगुप्ता ने राज्य सरकार की दलीलों का विरोध किया। पूर्व में हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी आवास खाली कर सुविधाओं पर खर्च ब्याज सहित वसूल करने के निर्देश दिए थे। दिवंगत एनडी तिवारी को छोड़कर अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश भी दिए थे।

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