पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाया माफी अध्यादेश को चुनौती देती याचिका पर फाइनल बहस शुरू
हाई कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाओं का बकाया माफ करने के अधिनियम को चुनौती देती जनहित याचिका पर फाइनल बहस शुरू हो गई है।
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाओं का बकाया माफ करने के अधिनियम को चुनौती देती जनहित याचिका पर फाइनल बहस शुरू हो गई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरिगुप्ता ने बहस करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाओं का बकाया माफ करना संविधान के अनुच्छेद-14 या समानता के अधिकार का उल्लंघन है। बहस मंगलवार को भी जारी रहेगी।
देहरादून की रूलक संस्था ने जनहित याचिका दायर कर पूर्व सीएम को आवास समेत अन्य सुविधाओं का बकाया माफ करने के अधिनियम को चुनौती दी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ इस मामले में पूर्व सीएम व महाराष्टï्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व सीएम विजय बहुगुणा, पूर्व सीएम व केंद्रीय एचआरडी मत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व सीएम बीसी खंडूरी को नोटिस थमा चुकी है, जबकि पूर्व सीएम दिवंगत एनडी तिवारी को नोटिस के दायरे से बाहर किया गया है। हाई कोर्ट पूर्व सीएम को सरकारी आवास खाली करने ब्याज सहित बाजार दर पर किराया जमा करने का आदेश पूर्व में पारित कर चुकी है, जिसके बाद सरकार ने पहले अध्यादेश जारी कर किराया माफ किया, फिर अधिनियम विधानसभा में पारित कराया। संस्था ने इस अधिनियम को कोर्ट में चुनौती दी है।
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