Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डीएल बनाने के पहले ही टेस्ट में तकरीबन 40 फीसद लोग हो जाते हैं फेल

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Tue, 19 Feb 2019 08:23 PM (IST)

    सड़क हादसों की बड़ी वजह चालकों के यातायात नियमों का पालन नहीं करना है। परिवहन विभाग में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने आ रहे 40 फीसद लोग अपने पहले ही ऑनलाइन एग्जाम में फेल हो रहे हैं।

    डीएल बनाने के पहले ही टेस्ट में तकरीबन 40 फीसद लोग हो जाते हैं फेल

    हल्द्वानी, जेएनएन : सड़क हादसों की बड़ी वजह चालकों के यातायात नियमों का पालन नहीं करना है। परिवहन व पुलिस यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती करने के साथ ही जागरूकता कार्यक्रम भी चला रही है। इसके बावजूद लोगों को नियमों से संबंधित छोटी-छोटी जानकारियां तक नहीं हैं। परिवहन विभाग में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने आ रहे 40 फीसद लोग अपने पहले ही ऑनलाइन एग्जाम में फेल हो रहे हैं।
    परिवहन विभाग से लर्निंग लाइसेंस (कच्चा) व ड्राइविंग लाइसेंस(पक्का) बनाने के लिए परीक्षा पास करना अनिवार्य है। लनिंग लाइसेंस बनाने के लिए आवेदक का ऑनलाइन एग्जाम लिया जाता है। परिवहन विभाग के सॉफ्टवेयर में लोड सवालों में से 15 सवाल आवेदक से पूछे जाते हैं। इसके जवाब देने के लिए विकल्प दिए रहते हैं। इनमें से नौ सही जवाब देने आवेदक के लिए अनिवार्य हैं। साथ ही सवालों का जवाब देने के लिए 30 मिनट की समय सीमा भी निर्धारित है। नौ सवालों से कम के सही जवाब देने वाले आवेदक को फेल कर दिया जाता है। इसके अलावा ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए सेमोलेटर मशीन में टेस्ट देना होता है। इस टेस्ट को पास करने पर ही चालक को चार पहिया वाहन चलाने तक का ड्राइविंग लाइसेंस दिया जाता है। परिवहन विभाग के अफसरों के मुताबिक ऑनलाइन व सेमोलेटर मशीन में टेस्ट देने आ रहे 40 फीसद लोग फेल हो जा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रोजाना 50 आवेदक देने आ रहे टेस्ट
    परिवहन विभाग के अफसरों के मुताबिक लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बाद आवेदक को ऑनलाइन टेस्ट की तिथि दी जाती है। इस तिथि में पहुंचकर आवेदक टेस्ट देता है। रोजाना लगभग 50 लोग परिवहन विभाग के दफ्तर टेस्ट देने आ रहे हैं। लर्निंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन टेस्ट पास करने वाला आवेदक घर से ही लाइसेंस डाउनलोड कर सकता है।

    जागरूकता संकेतक भी नहीं पड़ रहे चालक
    परिवहन विभाग ने कार्यालय भवन में चालकों को जागरूक करने के लिए दर्जनों संकेतक व अन्य यातायात नियमों की जानकारियां लिखाई हैं। लाइसेंस बनाने आ रहे लोग इन जानकारियों को भी नहीं पड़ रहे हैं। जिसका खामियाजा उन्हें ऑनलाइन टेस्ट में बैठने के बाद भुगतना पड़ रहा है।

    अंग्रेजी व हिंदी में सवाल चुनने का विकल्प
    लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए आवेदक को ऑनलाइन टेस्ट देने के लिए अंग्रेजी व हिंदी विकल्प की सुविधा भी दी गई है। आवेदक अपनी सुविधानुसार भाषा चुनकर टेस्ट दे सकता है।

    40 फीसद आवेदक टेस्ट में हो जाते हैं फेल
    संदीप वर्मा, एआरटीओ प्रशासन, हल्द्वानी ने बताया कि आवेदक को लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए ऑनलाइन टेस्ट व ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए सेमोलेटर टेस्ट देना अनिवार्य है। यातायात नियमों की जानकारी के अभाव में 40 फीसद आवेदक टेस्ट में फेल हो जाते हैं। जिसके बाद दोबारा शुल्क जमा कराने वाले आवेदक को टेस्ट देने के लिए अगली तिथि मिलती है।

    यह भी पढ़ें : तेजी से बढ़ता ब्लड प्रेशर और शुगर डैमेज कर रहा है किडनी, इन बातों का रखें ध्‍यान
    यह भी पढ़ें : दिव्यांग युवती से दुष्कर्म मामले में दो आरोपित दोषी करार, भेजे गए जेल