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    हल्द्वानी की सड़कों पर जल्‍द दौड़ेगी इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसें, एडीबी देगा बजट

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 08:14 PM (IST)

    हल्द्वानी की सड़कों पर जल्द ही इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसें दौड़ती नजर आएंगी। एडीबी (एशियाई विकास बैंक) द्वारा इसके लिए बजट प्रदान किया जाएगा। इस पहल से ...और पढ़ें

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    नैनीताल रोड और कालाढूंगी रोड चौड़ीकरण के बाद आएंगी 40 नई गाड़ियां। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। नैनीताल रोड और कालाढूंगी रोड के चौड़ीकरण के बाद हल्द्वानी की सड़कों पर इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसें नजर आ सकती है। एशियन डेवलेपमेंट बैंक (एडीबी) इन गाड़ियों के लिए बजट उपलब्ध करवाएगा। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इन बसों के संचालन और रखरखाव का जिम्मा कौन उठाएगा? परिवहन विभाग, परिवहन निगम, जिला प्रशासन या कोई अन्य सक्षम संस्थान को इसका जिम्मा मिलेगा। फिलहाल इस पर मंथन चल रहा है। इसके बाद प्रस्ताव आगे बढ़ेगा। एडीबी बजट उपलब्ध कराने को सहमत है।

    दिसंबर 2021 में पीएम नरेन्द्र मोदी ने हल्द्वानी में आयोजित रैली में शहर के विकास के लिए दो हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा की थी। एडीबी के माध्यम से अलग-अलग कामों के लिए यह पैसा मिलना था। निगम के बड़े हिस्से में सीवर और पानी की लाइनों का जाल इसी बजट से बिछ रहा है। तहसील के पुराने भवन को ध्वस्त कर 'नमो भवन' का निर्माण भी टेंडर प्रक्रिया की तरफ बढ़ चुका है। इस बहुद्देश्यीय भवन में तहसील, एसडीएम कार्यालय, रजिस्ट्री दफ्तर, बड़ा सभागार, पुस्तकालय, पार्किंग, सिटी बस स्टैंड आदि भी नजर आएंगे।

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    इसके अलावा नैनीताल रोड और कालाढूंगी रोड के चौैड़ीकरण, सुंदरीकरण के साथ यूटिलिटी डक्ट भी तैयार किया जाएगा। यूटिलिटी डक्ट बनने पर भविष्य में लाइनें बिछाने व मरम्मत के नाम पर बार-बार सड़कों को खोदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दूसरी तरफ शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बेहतर करने के लिए एडीबी 40 नई इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसें देने को तैयार है। यूयूएसडीए के परियोजना प्रबंधक कुलदीप सिंह ने बताया कि गाड़ियों के रखरखाव की जिम्मेदारी को लेकर मंथन चल रहा है। इसके बाद बसों को लेकर प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

    दून में स्मार्ट सिटी के तहत बसों का संचालन

    राजधानी देहरादून में यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए ई-बसों का संचालन किया जाता है। इसके लिए परिवहन विभाग ने देहरादून सिटी ट्रांसपोर्ट का गठन किया है। ताकि इलेक्ट्रिक गाड़ियों के संचालन में परेशानी का सामना न करना पड़े।

    परिवहन विभाग की सिटी सेवा नहीं पकड़ सकी रफ्तार

    क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की मुहर के बाद अक्टूबर में परिवहन विभाग ने लोकल मार्गों पर सिटी बसों का संचालन किया था। लेकिन यह योजना रफ्तार नहीं पकड़ सकी। बसों को उम्मीद के हिसाब से यात्री नहीं मिल पाए। इसके पीछे कई वजहें हैं। शहर में जाम की समस्या बढ़ने से लोग बड़ी बसों में सफर करना पसंद नहीं कर रहे। स्टाप पर सुविधा नहीं होने और बड़ी संख्या में लोेगों को सिटी बसों की समय-सारिणी की जानकारी नहीं होने के कारण भी योजना परवान नहीं चढ़ सकी।

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