घरेलू खपत ने संभाला अंडे का थोक और फुटकर कारोबार
पहले कोरोना संक्रमण और फिर लॉकडाउन ने अंडा उत्पादकों के साथ-साथ कारोबारियों की भी कमर तोड़ दी। ...और पढ़ें

हल्द्वानी, जेएनएन : पहले कोरोना संक्रमण और फिर लॉकडाउन ने अंडा उत्पादकों के साथ-साथ कारोबारियों की भी कमर तोड़ दी। आलम यह रहा कि बीते दो महीने में अंडे का थोक कारोबार 40 से 50 फीसद लुढ़क गया। होटल, रेस्टोरेंट, रेहड़ी, बंद होने से अंडों की व्यावसायिक खपत ठप पड़ गई। इस बीच इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में अंडे का गुण सामने आने पर कारोबार ने फिर से रफ्तार पकड़ी है। यही कारण है कि हल्द्वानी नवीन मंडी से शहर के अन्य क्षेत्रों व पहाड़ों में सप्लाई होने वाला अंडा डेढ़ से दो रुपये तक महंगा हो गया है।
चार से साढ़े चार रुपये का अंडा
शहर में फुटकर बाजार में एक अंडा वर्तमान में चार से साढ़े चार रुपये में बिक रहा है। नवीन मंडी के थोक व्यापारी इसे दो रुपये 86 पैसे में दे रहे हैं। थोक व्यापारी किशन कुमार नज्जौन ने बताया कि अंडे की कीमत तय होती है, हालांकि कई कारोबारी अब भी तीन से साढ़े तीन रुपये का ही अंडा बेच रहे हैं। दाम बढ़ने का ये है कारण फुटकर में अंडे का दाम डेढ़ से दो रुपये अधिक होने के कई कारण हैं। मंगलपड़ाव के थोक कारोबारी शहजाद के अनुसार, थोक मंडी से अंडे लाते समय टूटते हैं। ट्रे के ऊपर लगाई जाने वाली खाली ट्रे की कीमत एक से डेढ़ रुपये होती है। इस नुकसान की भरपाई के लिए ही फुटकर कारोबारी अंडा थोक के मुकाबले अधिक दाम में बेचते हैं।
कीमतों में होने लगी वृद्धि
कोरोना से लड़ने में अंडे की अहमियत सामने आने पर मांग बढ़ने से भी कीमतों में वृद्धि हुई है। 15 से 30 फीसद पर पहुंची खपत दोनहरिया के फुटकर कारोबारी नीरज बिष्ट ने बताया कि आम दिनों में अंडे की खपत एक दिन में 60 ट्रे तक थी। कोरोना महामारी के दौरान अफवाह फैल गई कि अंडा खाने से कोरोना होता है। ऐसे में लोगों ने अंडा खरीदना बंद कर दिया। अब स्थिति सामान्य हुई तो कारोबार चलना शुरू हुआ। अब एक दिन में 20 ट्रे की बिक्री हो रही है। थोक कारोबारी किशन कुमार नज्जौन ने बताया कि पहले उनके यहां से थोक में प्रतिदिन 100 से 150 ट्रे बिकती थी। कोरोना की शुरुआत में घटकर 10 ट्रे तक पहुंच गई थी। इधर अब 30 से 40 ट्रे की बिक्री हो रही है।

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