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    अब केवल एमबीबीएस की डिग्री से नहीं कर सकेंगे प्रैक्टिस, जानिए क्‍या है नई व्‍यवस्‍था

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 10 Jun 2019 10:00 AM (IST)

    सरकार राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) में ऐसे प्रावधान करने जा रही है जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता आएगी। अब एमबीबीएस करने के बाद डॉक्टर सीधे प ...और पढ़ें

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    अब केवल एमबीबीएस की डिग्री से नहीं कर सकेंगे प्रैक्टिस, जानिए क्‍या है नई व्‍यवस्‍था

    हल्द्वानी,गणेश जोशी : चिकित्सा शिक्षा में सुधार के लिए केंद्र सरकार नए-नए प्रयोग करने में जुटी है। सरकार राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) में ऐसे प्रावधान करने जा रही है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता आएगी। अब एमबीबीएस करने के बाद डॉक्टर सीधे प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे। डिग्री हासिल करने के बाद उन्हें नेशनल एक्जिट टेस्ट से गुजरना होगा। इस परीक्षा में सफलता के बाद ही प्रैक्टिस कर सकेंगे। इस नए प्रावधान को लेकर राज्य के चिकित्सा शिक्षा विशेषज्ञ भी सुधार की उम्मीद जता रहे हैं। उत्तराखंड में तीन सरकारी और दो निजी मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें से प्रतिवर्ष 700 एमबीबीएस डिग्रीधारी निकलते हैं। इसलिए एनएमसी के नए नियम राज्य के लिए भी बेहद अहम होंगे। 

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    झोलाछापों पर लगेगी रोक
    चिकित्सा शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर प्रैक्टिस के नियम सख्त हो जाएंगे तो झोलाछाप बनकर लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने वालों पर अंकुश लगेगा। नए नियमों के विरुद्ध प्रैक्टिस करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी।

    विदेश की डिग्री पर भी देनी होगी यही परीक्षा 
    देश ही नहीं, बल्कि विदेश से डिग्री हासिल कर देश में प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को भी नेशनल एक्जिट टेस्ट से गुजरना होगा। इसके बाद ही वे प्रैक्टिस कर सकेंगे।

    केवल पास करने की व्यवस्था पर लगेगा अंकुश 
    अक्सर देखा गया है कि मेडिकल कॉलेजों में पहुंच व रसूख रखने वाले विद्यार्थी नाममात्र की पढ़ाई के बावजूद पास हो जाते हैं। ऐसे युवा डिग्री तो हासिल कर लेते हैं, लेकिन उन्हें प्रैक्टिस का खास ज्ञान नहीं होता है। कई बार ऐसे लोग जीवन के साथ खिलवाड़ करने से भी नहीं हिचकते हैं। अब केवल पैसा देकर पास होने वाली प्रवृत्ति पर भी रोक लगेगी।

    मेरिट में आने पर कर सकेंगे पीजी
    एमबीबीएस करने के तुरंत बाद नेशनल एक्जिट टेस्ट होगा। इस परीक्षा को पास करने के बाद जहां प्रैक्टिस की अनुमति मिल जाएगी, वहीं मेरिट के आधार पर पीजी में प्रवेश का भी मौका मिलेगा। फेल होने पर छह माह बाद दोबारा परीक्षा दे सकेंगे।

    प्राचार बोल, नयी व्‍यवस्‍था का मिलेगा लाभ
    प्रो.चंद्र प्रकाश भैंसोड़ा, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी ने बताया कि नए बिल में चिकित्सा शिक्षा में सुधार के लिए जिस तरह की व्यवस्था की गई है, यह बेहतरीन है। एमबीबीएस करने के बाद भी स्वास्थ्य सुविधाओं में गुणवत्ता बनी रहे, इसके लिए नेशनल एक्जिट टेस्ट की व्यवस्था से लाभ मिलेगा।

    देश की स्वास्थ्य सेवा में गुणवत्ता आएगी
    डॉ. संदीप गौड़, कंसलटेंट मेडिकल एजुकेशन ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा में नए नियम से अपने देश की स्वास्थ्य सेवा में गुणवत्ता आएगी। मेडिकल कॉलेजों से बेहतर डॉक्टर निकलेंगे। इससे बदलाव देखने को मिलेंगे। आज इस तरह के नियमों की जरूरत महसूस होने लगी थी। 

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