Updated: Sun, 15 Dec 2024 12:11 PM (IST)
Meteor Shower आकाश में उल्काओं की आतिशबाजी का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला नैनीताल में। एस्ट्रो फोटोग्राफरों ने अपने कैमरों में कैद की जलती उल्काओं की तस्वीरें। हर साल 13 और 14 दिसंबर को होने वाली इस खगोलीय घटना में प्रति घंटे 150 से अधिक उल्काएं आसमान से गिरती दिखाई देती हैं। इस साल भी उल्कावृष्टि का नज़ारा देखने को मिलेगा।
जागरण संवाददाता, नैनीताल।Meteor Shower: मध्य रात्रि बाद से शनिवार भोर तक ज्यों-ज्यों चांद की चांदनी मद्धम पड़ती गई त्यों-त्यों आसमानी आतिशबाजी का शानदार नजारा पेश आया। नैनीताल में एस्ट्रो फोटोग्राफरों ने उल्कावृष्टि के रोमांचक नजारों को कैमरे में कैद किया और आकर्षक खगोलीय घटना के साक्षी बने।
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शनिवार रात भी उल्कावृष्टि जारी रहेगी, लेकिन चांद की रोशनी इसमें आड़े आएगी। जेमिनीड यानी मिथुन राशि के नाम से लोकप्रिय आसमानी आतिशबाजी का खगोल प्रेमियों को बेसब्री से इंतजार रहता है। साथ ही उल्कावृष्टि का अध्ययन करने वाले विज्ञानियों के लिए भी यह खास मौका होता है।
हर वर्ष 13 व 14 दिसंबर को यह खगोलीय घटना होती है। जिसमें प्रति घंटे 150 से अधिक जलती उल्काओं को आसमान से धरती की ओर गिरते हुए देखा जा सकता है।
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इसे कहा जाता है टूटते तारों का गिरना
सामान्य बोलचाल में इसे टूटते तारों का गिरना कहा जाता है। शुक्रवार रात आसमान साफ था और निखरा हुआ चांद आसमान को रोशन कर रहा था। इस बीच उल्काई आतिशी का लुत्फ उठाने के लिए खगोल प्रेमियों ने पूरी तैयारी की हुई थी। लेकिन चांद की चमक के आगे उल्कावृष्टि का नजारा स्पष्ट नहीं था। मध्य रात्रि बाद शनिवार भोर से पूर्व कुछ उल्काएं असमान में गिरती हुई नजर आने लगी।
कड़ाके की ठंड में नैनीताल, सातताल, नौकुचियाताल आदि जगहों में कम रोशनी व ऊंचे स्थानों में उच्च क्षमता वाले कैमरों के साथ जमे एस्ट्रो फोटोग्राफरों के लिए यही मौका खास था। उन्होंने जलती उल्काओं को कैमरे में कैद कर लिया।
2025 में होंगी उल्कावृष्टि की नौ घटनाएं
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय के अनुसार उल्कावृष्टि की घटनाओं का हर वर्ष निश्चित समय होता है। अगले वर्ष भी नौ घटनाएं होंगी। इनमें सबसे आकर्षक जेमिनीड मेट्योर शावर मानी जाती है, जो हर वर्ष 13 व 14 दिसंबर को होती है।
इसके अलावा दो-तीन जनवरी को क्वारांटिड, 21-22 अप्रैल को लाईरीड, चार-पांच मई को एटा एक्वारीड, 29-30 जुलाई को सदर्न डेल्टा एक्वारीड, 11-12 अगस्त को प्रशिड, आठ अक्टूबर को ड्राकोनीड्स, 17 नवंबर को लीनीड्स, 13-14 दिसंबर को जेमिनीड्स व वर्ष के अंत में 22 दिसंबर को उर्सिड उल्कावृष्टि होगी।
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