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    क्‍या जूस या कोल्‍ड ड्रिंक पीने के बाद कभी खाया है स्‍ट्रॉ? आइआइटी रुड़की ने की अनूठी खोज

    IIT Roorkee Edible Straw आइआइटी रुड़की के शोधकर्ताओं ने खाद्य स्ट्रॉ विकसित किया है जो पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल और रसायनमुक्त है। यह प्लास्टिक-कागज के स्ट्रॉ के लिए एक स्वस्थ और अधिक टिकाऊ विकल्प है। यह नवाचार स्वच्छ भारत अभियान और आत्मनिर्भर भारत जैसे राष्ट्रीय मिशनों का समर्थन करता है और प्लास्टिक कचरे को कम करने और टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों को गति देगा।

    By Rena Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 13 Dec 2024 04:15 PM (IST)
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    IIT Roorkee Eatable Straw: आइआइटी रुड़की ने विकसित किया बाजरा आधारित खाद्य स्ट्रॉ। जागरण

    जागरण संवाददाता, रुड़की। IIT Roorkee Eatable Straw: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की के शोधकर्ताओं ने बाजरा आधारित खाद्य स्ट्रॉ विकसित किया है, जो पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल व रसायनमुक्त है।

    साथ ही प्लास्टिक और कागज के स्ट्रॉ के लिए एक स्वस्थ और अधिक टिकाऊ विकल्प प्रस्तुत करता है। यह नवाचार स्वच्छ भारत अभियान, आत्मनिर्भर भारत जैसे राष्ट्रीय मिशनों का समर्थन करता है और प्लास्टिक कचरे को कम करने व टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों को गति देने वाला है।

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    आइआइटी रुड़की के शोधकर्ताओं के इस नवाचार के महत्व के बारे में बताते हुए निदेशक प्रो. कमल किशोर पंत ने कहा कि संस्थान में ऐसे नवाचारों को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाता है जो देश की समृद्ध विरासत और संसाधनों का लाभ उठाते हुए महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों का समाधान करते हैं।

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    स्वस्थ एवं टिकाऊ भविष्य को बढ़ावा देने में महत्‍वपूर्ण कदम

    संस्‍थान के शोधकर्ताओं की ओर से विकसित बाजरा आधारित स्ट्रॉ इस बात का ज्वलंत उदाहरण है कि कैसे आधुनिक विज्ञान और पारंपरिक ज्ञान एक साथ आकर प्रभावशाली, पर्यावरण अनुकूल समाधान बना सकते हैं। कहा कि यह सिर्फ एक उत्पाद नहीं, बल्कि प्लास्टिक पर  निर्भरता कम करने और एक स्वस्थ एवं टिकाऊ भविष्य को बढ़ावा देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।

    संस्थान के पेपर टेक्नोलाजी विभाग एवं फंक्शनल फूड पैकेजिंग लैब के प्रो. कीर्तिराज के. गायकवाड़ ने बताया कि यह बाजरे के भूसे को प्राकृतिक रूप से विघटित करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी रसायन मुक्त संरचना उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करती है। जबकि, स्थायित्व पारंपरिक भूसे के समान सुविधा प्रदान करता है।

    हा कि यह नवाचार व्यावहारिक, स्वास्थ्य केंद्रित समाधानों, प्लास्टिक प्रदूषण जैसी वैश्विक चुनौतियों के प्रति आइआइटी रुड़की की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है। शोध छात्रा तेजस्विनी धनाजी पाटिल ने कहा कि उनका उद्देश्य कुछ ऐसा बनाना था, जो सिर्फ कार्यक्षमता से परे हो। बाजरा की समृद्धि को डिजाइन में एकीकृत करके उन्होंने एक ऐसा उत्पाद तैयार किया, जो स्थिरता और पोषण का सार प्रस्तुत करता है।

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    हानिकारक अवशेष नहीं छोड़ता

    प्रो. कीर्तिराज के. गायकवाड़ ने बताया कि विकसित बाजरा आधारित स्ट्रॉ पर्यावरण मित्रता, सुरक्षा, स्थायित्व और पोषण मूल्य को एक ही उन्नत उत्पाद में जोड़ता है। पूरी तरह से जैव निम्नीकरणीय होने के कारण ये कोई हानिकारक अवशेष नहीं छोड़ता है, जिससे स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित होता है। वहीं, पारंपरिक स्ट्रॉ के विपरीत यह रसायन मुक्त और उपभोग के लिए सुरक्षित है। यह एक अद्वितीय खाद्य विकल्प प्रदान करता है।

    बताया कि खाद्य स्ट्रॉ का स्थायित्व पारंपरिक तिनकों से मेल खाता है। तरल पदार्थ में भी संरचना बनाए रखता है। यह नवाचार न केवल स्थिरता को बढ़ावा देता है, बल्कि पोषण संबंधी बढ़त भी जोड़ता है। इससे यह एकल-उपयोग प्लास्टिक कचरे को कम करने में गेम-चेंजर बन जाता है।