आजाद हिंद फौज के सिपाही पदम सिंह कोरंगा ने 101 साल की उम्र में ली आखिरी सांस
सुभाष चंद्र बोस के सेना में रहे 101 साल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पदम सिह कोरंगा का निधन हो गया है। उनके निधन पर भनार पांखू क्षेत्र शोक में डूब गया है।
बागेश्वर, जेएनएन : सुभाष चंद्र बोस के सेना में रहे 101 साल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पदम सिह कोरंगा का निधन हो गया है। उनके निधन पर भनार, पांखू क्षेत्र शोक में डूब गया है। सरयू-गोमती संगम पर उनका पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। जिला, तहसील प्रशासन, पुलिस और जिला सैनिक कल्याण बोर्ड ने पुष्प चक्र अर्पित किए।
भनार, पांखू गांव के निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पदम सिंह कोरंगा पुत्र स्व. दौलत सिंह कोरंगा का निधन हो गया है। वे 101 साल के थे और उनके निधन पर समूचा जिला शोक में डूब गया है। परिजनों के अनुसार शुक्रवार की सुबह 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पुत्र खुशाल सिंह और खीम सिंह ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी और प्रशासन ने पुष्प चक्र अर्पित किए। पुलिस की टुकड़ी ने तिरंगे के साथ उन्हें अंतिम सलामी दी। उनके देहावसान पर समूचा जिला शोक में डूब गया है।
इस मौके पर सीडीओ एसएसएस पांगती, एसडीएम कपकोट प्रमोद कुमार, सीओ महेश चंद्र जोशी, तहसीलदार मेनपाल सिंह, जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के सहायक अधिकारी रमेश चंद तिवारी, सीडीओ मनोज कपकोटी, प्रेम सिंह कोरंगा समेत विभिन्न संगठनों से जुड़े हुए लोग मौजूद थे।
श्मशान में मिला तिरंगा
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का पार्थिव शरीर तिरंगे से लिपट कर यहां नहीं पहुंचा। श्मशान घाट में पार्थिव शरीर पहुंचने पर तिरंगे का इंतजाम कराया गया और पुलिस की टुकड़ी ने तिरंगे के साथ सलामी दी।
1942 में सेना में हुए भर्ती
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पदम सिंह कोरंगा 1942 में सेना में भर्ती हुए। सिंगापुर में छह माह की ट्रेनिंग की। युद्ध के दौरान जापान में कैदी रहे।
श्रमदान भी किया
खड़लेख शामा मोटर मार्ग में श्रमदान, प्राथमिक विद्यालय पांखू में स्कूल खुलवाया, कपकोट से भराड़ी मोटर मोटर मार्ग में श्रमदान, शामा जवाहर लाल नेहरू इंटर कालेज भवन निर्माण में श्रमदान किया।
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