स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की बेटी की बहू ने कहा - नाना आजादी के लिए लड़े, हम अपने हक के लिए
नाना रामअवध सिंह आजादी के लिए संघर्ष किए। डिप्टी एसपी बनकर रिटायर्ड हुए। मगर पूर्व मंत्री ने फर्जी वसीयत बनाकर उनकी करीब 10 करोड़ की जमीन हड़प ली।
रुद्रपुर, जेएनएन : नाना रामअवध सिंह आजादी के लिए संघर्ष किए। डिप्टी एसपी बनकर रिटायर्ड हुए। मगर पूर्व मंत्री ने फर्जी वसीयत बनाकर उनकी करीब 10 करोड़ की जमीन हड़प ली। हमने अपने हक के लिए संघर्ष किया। न्याय पर भरोसा किया। यह कहते हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की बेटी प्रभावती देवी की बहू रेनू सिंह का गला भर आया।
रेनू ने दैनिक जागरण से फोन पर विशेष बातचीत में कहा कि कमजोर होने की वजह से पूर्व मंत्री प्रेेम प्रकाश ङ्क्षसह ने फर्जी वसीयत बनाकर करोड़ों की जमीन हड़पने की कोशिश की। पूर्व मंत्री की रसूख के आगे हमें कड़ा संघर्ष करना पड़ा। हालात से हमने कभी हार नहीं मानी। सास प्रभावती देवी ने कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। कोई सुनवाई नहीं हुई। डीआइजी की दखल पर मुकदमा दर्ज हुआ। मामला कोर्ट में पहुंचा। मंगलवार को फैसले की घड़ी आई। अदालत ने पूर्व मंत्री सहित नौ लोगों को सजा सुनाई है। इससे लगा कि जो न्याय पर भरोसा था, वह सही साबित हुआ। उन्होंने कहा कि फैसले से बेहद खुश हैं।
उम्मीद के अनुसार आया फैसला
प्रभावती देवी के अधिवक्ता सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने बताया कि अदालत के समक्ष ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किए। शुरू से उम्मीद थी कि फैसला पक्ष में आएगा। वही हुआ। पीडि़ता को न्याय मिला।
आज होगी जमानत के लिए अपील
पूर्व मंत्री के अधिवक्ता आरपी ङ्क्षसह ने कहा कि साक्ष्यों का सही तरह से अवलोकन नहीं किया गया। इसलिए इसका लाभ दूसरे पक्ष को मिला। पूर्व मंत्री की जमानत के लिए बुधवार को जिला जज की अदालत में अपील की जाएगी।
सजा सुनते ही उड़ गई चेहरे की रंगत
रुद्रपुर : अदालत ने मंगलवार को आरोपितों को दोष सिद्ध करार दिया। करीब तीन बजे तक सजा का फैसला सुरक्षित रख लिया। इस बीच आरोपितों के चेहरे से रंगत उड़ गई। जज की तरफ आरोपित देखते रह गए। चेहरे पर पसीना साफ दिखा। इस बीच सभी अदालत के बाहर खड़े परिजनों को देखने लगे।
जमानत से मिली कुछ राहत
पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश ङ्क्षसह को पांच साल की सजा सुनाई गई, जबकि महिला आरोपितों को एक-एक साल। अदालत ने तीन साल तक सजा होने पर आरोपितों को अंतरिम जमानत दे दी। इससे सिंह परिवार को कुछ राहत मिली।
पूर्व मंत्री दो बार रहे विधायक
पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश flaह विधानसभा क्षेत्र बरहज से वर्ष 1997 से 2002 तक और 2012 से 2017 तक विधायक रहे। पहली बार विधायक बनने पर उत्तर प्रदेश में सपा सरकार में सहकारिता मंत्री रहे। उनकी शादी जिला भिवानी हरियाणा निवासी मंजूलता के साथ हुई।
प्रेम प्रकाश सिंह का सियासी सफर
जालसाजी के मामले में सजा सुनाते ही पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह के शक्तिफार्म आवास पर मंगलवार को सन्नाटा पसरा रहा। घर पर कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था। हालांकि पूर्व मंत्री इसके पहले भी जमीन विवाद में जेल जा चुके हैं। देवरिया जिले के पैना गांव के मूल निवासी पूर्व करीब 1970 के समय से ही शक्तिफार्म में रहते हैं। उनके पिता केशव प्रसाद सिंह तराई में कानूनगो थे। प्रेम प्रकाश सिंह यहां बसगर गांव के प्रधान भी रहे। इसके बाद वह सितारगंज के ब्लॉक प्रमुख चुने गए। वर्ष 1996 में वह देवरिया जिले के बरहज विधानसभा से बसपा से विधायक बने। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की सरकार में वह पहले कपड़ा राज्य मंत्री बनाए गए फिर सहकारिता मंत्री। वर्ष 2007 में वह सपा के टिकट पर बरहज से विधायक चुने गए। पूर्व मंत्री की पत्नी मंजूलता सिंह भी वर्ष 2014 में सितारगंज की ब्लॉक प्रमुख बनीं। नानकमत्ता क्षेत्र में एक जमीन विवाद में भी पूर्व मंत्री जेल जा चुके हैं। पूर्व मंत्री का क्षेत्र में शुरू से प्रभाव रहा है। फिलहाल मंगलवार को उनके शक्तिफार्म आवास पर सन्नाटा रहा। घर में सिर्फ काम करने वाले ही मौजूद रहे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।