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    डायबिटीज का असर पड़ता है दांतों पर, ग्‍लूकोज का लेवल बढऩे से बढ़ते हैं बैक्टीरिया

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Sun, 10 Mar 2019 07:47 PM (IST)

    अगर डायबिटीज है तो इसका असर दांतों पर भी पडऩे लगता है। ऐसा इसलिए कि बार-बार चाय पीने व मीठा खाने से ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बढऩे से मुंह में बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं।

    डायबिटीज का असर पड़ता है दांतों पर, ग्‍लूकोज का लेवल बढऩे से बढ़ते हैं बैक्टीरिया

    हल्द्वानी, जेएनएन : अगर डायबिटीज है, तो इसका असर दांतों पर भी पडऩे लगता है। ऐसा इसलिए कि बार-बार चाय पीने व मीठा खाने से ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बढऩे से मुंह में बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं। इससे दांत हिलने के साथ मुंह सूखने लगता है। ऐसे में जरूरी है कि मधुमेह नियंत्रित की जाए। यह जानकारी सिटी डेंटल क्लीनिक की डेंटिस्ट डॉ. हिमानी जोशी ने दी। वह रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर कार्यक्रम में उपस्थित थीं। उन्होंने बताया कि डायबिटीज के कारण बैक्टीरिया पोषक तत्व खत्म कर देता है। बैक्टीरिया अपने टॉक्सिन से मसूड़ों के अंदर हड्डी को गलाते है। इससे दांत गिरने लगते है।

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    ये हैं लक्षण

    मसूड़ों में सूजन

    मुंह से बदबू आना

    दांतो की हड्डी गलना

    मुंह से संक्रमण

    मसूड़ों से खून आना

    दांत हिलना

    दांतों में दर्द

    ऐसे करें बचाव

    पानी खूब पीएं

    डायबिटीज कंट्रोल रखें

    गुनगुने पानी में नमक डालकर कुल्ला करें

    रात को भोजन के बाद ब्रश जरूर करें

    मीठा खाकर तुरंत कुल्ला करें

    स्मोकिंग व गुटखे से बचें

    अपनाएं ये तरीका भी

    सुबह खाली पेट एक चम्मच नारियल या सरसों का तेल मुंह में रखकर 10 से 15 मिनट तक दाएं-बाएं करें। 10 मिनट बाद तेल सफेद पानी जैसा हो जाए तो थूक दें। इस प्रक्रिया से टॉक्सिन बैक्टीरिया खत्म हो जाते है।

    टूटपेस्ट का सही चुनाव जरूरी

    टूटपेस्ट के सही चुनाव से दांतों को बीमारियों से काफी हद तक बचाया जा सकता है। आयुर्वेदिक पेस्ट में लौंग, फिटकरी, हल्दी होती है। मसूड़ों में इससे धीरे-धीरे मसाज करने से आराम मिलता है।

    सही तरीके से करें ब्रश

    हमेशा सॉफ्ट ब्रश का इस्तेमाल करें। ब्रश को दांतों में रगडऩा नहीं चाहिए, बल्कि धीरे हाथों से नीचे से ऊपर-ऊपर से नीचे करना चाहिए।

    टूथ पिक का इस्तेमाल कम करें

    टूथ पिक के इस्तेमाल से दांतों और मसूड़ों के बीच में गैप हो जाता है, जिससे दांत कमजोर हो जाते हैं। इसकी की जगह फ्लासिंग (धागे से दांत साफ करना) करनी चाहिए।

    दांतों की सफाई

    डायबिटीज होने पर दांतों की देखभाल बेहद जरूरी है। डेंटल क्लीनिक में जाकर वाईब्रेशन व पानी से दांतों की गंदगी साफ कराते रहना चाहिए।

    इन्होंने ली सलाह

    तीन पानी की जानकी जोशी, नैनीताल के शिवकुमार, लामाचौड़ के तारा सिंह, बाजपुर के शागिर, लालकुआं के हिमांशु, खटीमा की पुष्पा देवी, बनकोट के सुरेश सनवाल, हल्द्वानी की विमला, नरेश सिंह, भीमताल के सुरेश जोशी, बाजपुर की नंदिनी, पिथौरागढ़ के दीप चंद्र जोशी, पंतनगर से दीपांशु पांडे, के अलावा हृदय लाल, रवि सिंह आदि ने फोन कर परामर्श लिया।

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