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    अरे ओ सांभा, कितने आदमी थे...बाबू मोशाय यहां कब, कौन, कहां कूड़ा गिराएगा कोई नहीं जानता

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 12 Nov 2018 01:06 PM (IST)

    अरे ओ सांभा कितने आदमी थे..फ‍िल्‍म शोले में अभिनेता अमजद खान के बोले गए इस संवाद के सहित अन्य फिल्मों के डायलॉग को रेलवे अपने स्वच्छता अभियान के लिए प ...और पढ़ें

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    अरे ओ सांभा, कितने आदमी थे...बाबू मोशाय यहां कब, कौन, कहां कूड़ा गिराएगा कोई नहीं जानता

    नैनीताल, (जेएनएन) : अरे ओ सांभा कितने आदमी थे..फ‍िल्‍म शोले में अभिनेता अमजद खान के बोले गए इस संवाद के सहित अन्य फिल्मों के डायलॉग को रेलवे अपने स्वच्छता अभियान के लिए प्रयोग कर रहा है। बस डायलॉग में थोड़ा बदलाव किया गया है। अरे ओ सांभा कितना जुर्माना रखे हैं सरकार, गंदगी फैलाने पर...500 रुपये....पूरे 500 रुपये सरकार। इसी तरह के तमाम प्रसिद्ध डायलॉग को स्वच्छता के संदेश में बदला गया है। ऐसे बहुत सारे डायलॉग वाले पोस्टर हल्द्वानी व काठगोदाम रेलवे स्टेशन में यात्रियों को जागरूक कर रहे हैं और बरबस लोगों का ध्यान भी खींच रहे हैं। अब बस जरूरत है कि लोग इसे देख व पढ़कर इस पर अमल भी करें। इसके अलावा बच्‍चों को भी प्रेरित करने के लिए कार्टून के पात्रों के पोस्‍टर व विभिन्‍न स्‍लोगन लगाए गए हैं।

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    मेरे पास र‍िजर्व सीट है... : हल्द्वानी व काठगोदाम रेलवे स्टेशनों की दीवारों पर बॉलीवुड फिल्मों के अभिनेताओं के प्रसिद्ध डायलॉग का बदला रूप, आज मेरे पास रेलगाड़ी है रिजर्व सीट है ट्वीटर है, तुम्हारे पास क्या है...मेरे मुंह में पान है, लेकिन दीवार पर मत थूकना, वरना 500 का जुर्माना देना पड़ेगा। जा सिमरन जा..प्लेटफार्म और गाड़ी भी साफ रखते हुए जा...नहीं तो गंदगी पर 500 रुपये का जुर्माना देते हुए जा...। बाबू मोशाय यहां कब, कौन, कहां कूड़ा गिराएगा यह कोई नहीं बता सकता। दिलवाले दुल्‍‍हनियां ले जाएंगे व आनंद सहित कई फ‍िल्‍मों के डायलॉग के पोस्‍टर प्‍लेटफार्म व स्‍टेशन की दीवारों पर लगाए गए हैं। इस तरह के जागरूक करने वाले होर्डिंग व पोस्टर जहां यात्रियों का मनोरंजन कर रहे हैं, वहीं सफाई के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं।

    यह एक सराहनीय व मनोवैज्ञानिक पहल है। दरअसल, हमें आवाज की अपेक्षा, चित्र अधिक याद रहता है। इसी तरह से फिल्मी डायलॉग बच्चे-बच्चे की जुबान में रहता है। ऐसे में इस तरह के प्रयोग से जल्द लोग आकर्षित होंगे। इसी तरह से कार्टून के पात्रों से भी बच्‍चे खासतौर पर प्रभावित रहते हैं। छोटा भीम आदि के पोस्‍टर स्‍लोगन के साथ लगाए गए हैैं। इसके सकारात्मक परिणाम आने की भी उम्मीद रेलवे विभाग कर रहा है।

    काठगोदाम के स्टेशन अधीक्षक चयन रॉय ने बताया कि रेलवे स्टेशन व रेलों की सफाई प्रत्येक यात्री की भी जिम्मेदारी है। फिल्मी डायलॉग जल्दी याद रह जाते हैं। इसलिए इन डायलॉग को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए दीवारों पर लगाया है। इसका असर भी देखने को मिल रहा है।

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