Chandra Grahan 2022 : देश के उत्तर पूर्वी किनारों से नजर आएगा पूर्ण चंद्रग्रहण, अन्य हिस्सों से दिखेगा आंशिक
Chandra Grahan 2022 / Lunar Eclipse 2022 साल का आखिरी चन्द्रग्रहण आज लगेगा। इस ग्रहण को लेकर दिलचस्प बात यह है कि देश में चन्द्रग्रहण से ठीक 15 दिन पहले सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य अस्त हो रहा था जबकि चंद्रमा का ग्रहण के साथ उदय होगा।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : Chandra Grahan 2022 : वर्ष का अंतिम सूर्यग्रहण देश में सूर्योदय के साथ समाप्त हुआ और अब मंगलवार को चंद्रमा ग्रहण के साथ उदय होने जा रहा है। आज लगने वाला चन्द्रग्रहण देश के उत्तर पूर्वी किनारों में पूर्ण चंद्रग्रहण नजर आएगा, जबकि देश के अन्य हिस्सों में आंशिक चंद्रग्रहण रहेगा।
अस्त और उदय होने की बात दिलचस्प
Lunar Eclipse 2022 : आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा शशिभूषण पांडेय ने बताया कि यह बेहद दिलचस्प है कि देश में चन्द्रग्रहण से ठीक 15 दिन पहले लो सूर्यग्रहण पर सूर्य अस्त हो रहा था, जबकि चंद्रमा ग्रहण के साथ उदय होगा।
भारत में यह नजर आएगा पूर्ण चन्द्रग्रहण
8 November Lunar Eclipse : भारत में उत्तर पूर्व के अरुणाचल प्रदेश, आसाम व बंगाल में पूर्ण चंद्रग्रहण नजर आयेगा। आठ नवंबर की शाम को यह खगोलीय घटना होने जा रही है। यह सामान्य खगोलीय घटना है, जो वर्ष में कई बार होती है।
डिब्रूगढ़ में सबसे पहले दिखेगा चंद्रग्रहण
भारतीय तारा भौतिकी संस्थान बैंगलूरू केरिटायर्ड खगोल विज्ञानी प्रो. आरसी कपूर ने बताया कि डिब्रूगढ़ में सबसे पहले चंद्रग्रहण 4.17 बजे शुरू होगा। पूर्ण चंद्रग्रहण लगभग 5.09 बजे नजर आएगा और 5.11 बजे पूर्ण चंद्रग्रहण समाप्त हो जाएगा। इसके बाद आंशिक रहेगा।
6.19 बजे चांदमा ग्रहण से मुक्त होगा
कोलकाता में 4.52 बजे से दिखना शुरू होगा, जबकि दिल्ली समेत उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में 5.28 बजे चंद्रमा ग्रहण के साथ उदय होगा। भारत में ग्रहण 6.19 बजे चांदमा ग्रहण से मुक्त हो जाएगा। यह चन्द्रग्रहण भारत में चंद्रोदय से पूर्व भारतीय समय के अनुसार 2.39 बजे शुरू हो चुका होगा, लेकिन उस समय यहां दोपहर हो रही होगी।
अन्य ग्रहों में भी लगते रहते हैं ग्रहण
ग्रहण एक सामान्य खगोलीय घटना है। पृथ्वी का एक मात्र उपग्रह है और साल में कई बार चंद्र व सूर्य ग्रहण की घटना सामने आ जाती है। मगर हमारे सौरमंडल के बृहस्पति व शनि जैसे विशाल ग्रह हैं, जिनके दर्जनों चंद्रमा हैं, तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन ग्रहों पर ग्रहण की कितनी घटनाएं होती होंगी। दूसरे ग्रहों पर लगने वाले ग्रहण की घटना को ट्रांजिट कहा जाता है!
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