कुंडेश्वरी पुलिस चौकी प्रकरण से चर्चा में आए शिक्षा मंत्री के सामने विस में गरिमा बचाने की चुनौती
अपने राजनीतिक गुरु बलराज पासी के लिए टिकट की पैरोकारी व कुंडेश्वरी पुलिस चौकी प्रकरण से चर्चा में आए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय गरिमा बचाने की है चुनौती।
गूलरभोज, जेएनएन : अपने राजनीतिक गुरु बलराज पासी के लिए टिकट की पैरोकारी व कुंडेश्वरी पुलिस चौकी प्रकरण से चर्चा में आए प्रदेश के कद्दावर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय को अपने 2017 विधान सभा चुनाव में मिली जीत का अंतर बरकरार रखने की चुनौती है।
पिछले सात साल से गदरपुर विधान सभा में विधायक से काबीना मंत्री बने अरङ्क्षवद पांडेय सियासत के मझे हुए खिलाड़ी माने जाते हैं। निकाय चुनाव में कार्यकर्ताओं की नाराजगी और कुंडेश्वरी प्रकरण को लेकर बदले सूरते हाल में विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन को बरकरार रखने को राजनीतिक विश्लेषक कड़ी चुनौती मान रहे हैं। सनद रहे, सात साल के भीतर गदरपुर विधानसभा के दो चुनाव में वे अपने जीत के अंतर को तीन गुना (5500 से 14500) पहुंचाकर संगठन और सरकार में अपनी अहमियत साबित कर चुके हैं। हालिया हुए निकाय चुनाव में विस क्षेत्र के चारों निकाय गदरपुर, दिनेशपुर, गूलरभोज और कैलाखेड़ा में भाजपा समर्थित चेयरमैन का बनना उनके राजनीतिक कौशल को दर्शाता है, लेकिन निकाय चुनाव में टिकट वितरण से पैदा हुआ असंतोष, लोस चुनाव में अपने गुरु पूर्व सांसद बलराज पासी को टिकट न मिलने की नाराजगी और कुंडेश्वरी प्रकरण जैसे मुद्दों से उनकी साख को दांव पर लगा दिया है। इन मुद्दों ने विस चुनाव में किए गए प्रदर्शन को लोस चुनाव में बरकरार रखने का दबाव बढ़ा दिया है। ऐसे में मंत्री पांडेय विस चुनाव में जीत के आंकड़े को लोकसभा चुनाव में दोहराने में कामयाब रहे तो संगठन और सरकार में स्वीकार्यता और बढ़ जाएगी।
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