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सीबीएसई बोर्ड के छात्र पढ़ाई के साथ अब पाक कला भी सीखेंगे, सप्‍ताह में दो कक्षाएं अनिवार्य

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूलों में कक्षा छह से 8वीं तक के बच्चों को अब पाक कला विषय भी पढ़ाया जाएगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 10:30 AM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 10:30 AM (IST)
सीबीएसई बोर्ड के छात्र पढ़ाई के साथ अब पाक कला भी सीखेंगे, सप्‍ताह में दो कक्षाएं अनिवार्य
सीबीएसई बोर्ड के छात्र पढ़ाई के साथ अब पाक कला भी सीखेंगे, सप्‍ताह में दो कक्षाएं अनिवार्य

हल्द्वानी, गणेश पांडे : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूलों में कक्षा छह से 8वीं तक के बच्चों को अब पाक कला विषय भी पढ़ाया जाएगा। बोर्ड ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा है कि कलात्मक तरीके से शिक्षा देने से बच्चे बेहतर ढंग से सीखेंगे।

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सीबीएसई के मुताबिक कला विषय के तहत कक्षा 6 से 8वीं के विद्यार्थियों को चित्रकला, नृत्य-संगीत के साथ पाक कला भी सिखानी होगी। स्कूलों को सप्ताह में कम से कम दो कक्षाएं कला की लगानी होंगी। बोर्ड ने सुझाया है कि कला के चार मुख्य क्षेत्र संगीत, नृत्य, दृश्य माध्यम व नाटक के अलावा बच्चों को पाक कला से भी रूबरू कराएं। इससे बच्चे विभिन्न विषयों के बीच बहुआयामी तालमेल बना पाएंगे व पौष्टिक आहार का महत्व समझेंगे।

जस गोविन पब्लिक स्कूल के निदेशक नागेश चंद ने बताया कि पाक कला में बच्चों की रुचि बढ़ाने के लिए सालाना आर्ट एंड साइंस प्रदर्शनी में फ्लेमलेस कुकिंग प्रतियोगिता कराई जाती है। सीबीएसई पाक कला की नियमित कक्षा चाहता है तो इसके लिए भी हम तैयार हैं।

यह उद्देश्य : फसलों व मसालों का प्रयोग समझेंगे

सीबीएसई ने कहा है कि पाक कला के तहत बच्चे भारत में पैदा होने वाली फसलों, मसालों व उनके प्रयोग करने के बारे में जान सकेंगे। साथ ही जान पाएंगे कि बीजों से तेल कैसे निकाला जाता है व देश में कृषि के बेहतर उदाहरण कौन से हैं। देश के विभिन्न राज्यों में कौन से पारंपरिक व्यंजन पकाए जाते हैं, इसे भी जानने का मौका मिलेगा। स्कूल कुकिंग क्लास भी आयोजित कर सकते हैं।

सराहा : नए प्रयास से मिलेगा लाभ

रेनबो एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के निदेशक आरके शर्मा कहते हैं, लगभग सभी स्कूलों में कला पढ़ाई जाती है, लेकिन अमूमन इन कक्षाओं में चित्रकला, संगीत, नृत्य ही पढ़ाया-सिखाया जाता है। सीबीएसई ने पाक कला को इस श्रेणी में जोड़कर स्कूलों को नए ढंग से पढ़ाने का तरीका समझाया है। यह बच्चों के लिए मजेदार होगा।

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