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नैनीताल में शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल में पार्किंग बनने का रास्‍ता साफ, केन्‍द्र सरकार ने दी अनुमति nainital news

नैनीताल में पार्किंग की समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में डीएम सविन बंसल की पहल रंग लाई है। जिला प्रशासन इसका उपयोग पार्किंग के लिए करने को केंद्र सरकार ने सहमति जता दी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 08:51 AM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 08:51 AM (IST)
नैनीताल में शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल में पार्किंग बनने का रास्‍ता साफ, केन्‍द्र सरकार ने दी अनुमति nainital news
नैनीताल में शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल में पार्किंग बनने का रास्‍ता साफ, केन्‍द्र सरकार ने दी अनुमति nainital news

नैनीताल, जेएनएन : पर्यटन नगरी नैनीताल में पार्किंग की समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में डीएम सविन बंसल की पहल रंग लाई है। जिला प्रशासन की ओर से शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल का उपयोग पार्किंग के लिए करने को केंद्र सरकार ने सहमति जता दी है। फिलहाल मार्च 2021 तक पार्किंग की अनुमति प्रदान की गई है। साथ ही 2016 से अब तक मेट्रोपोल शत्रु संपत्ति परिसर के उपयोग से हुई आमदनी का ड्राफ्ट बनाकर भेजने को भी कहा गया है।

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डीएम सविन बंसल की ओर से इस प्रस्ताव पर अमल के लिए गंभीर प्रयास किए गए। डीएम ने सख्त कदम उठाते हुए शत्रु संपत्ति में नगरपालिका के पार्किंग ठेके को रद कर दिया था। शनिवार को भारत सरकार के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय नई दिल्ली की ओर से डीएम को भेजा गया पत्र मिला है। जिसमें 15 अक्टूबर को डीएम सविन बंसल के ही भेजे गए पत्र का हवाला देते हुए मेट्रोपोल परिसर में 2016 से आज तक प्राप्त धनराशि का बैंक ड्राफ्ट अभिरक्षक कार्यालय नई दिल्ली को भेजने को कहा गया है। साथ ही साफ किया है कि शत्रु संपत्ति में पार्किंग के संचालन की व्यवस्था डीएम या उप अभिरक्षक नैनीताल द्वारा मार्च 2020 तक, उसके बाद फिर मार्च 2021 तक की जाएगी। अभिरक्षक से अनुमति के बाद ही आगे पार्किंग संचालित होगी।

शत्रु संपत्ति का इतिहास

मेट्रोपोल शत्रु संपत्ति का निर्मित क्षेत्रफल 11385 वर्ग मीटर, जबकि रिक्त भूमि व परिसर का क्षेत्रफल 22489 वर्ग मीटर है। इस संपत्ति की अनुमानित कीमत करीब 90 करोड़ है। राजा मोहम्मद अमीर अहमद खान निवासी महमूदाबाद जिला सीतापुर की यह संपत्ति 1965 में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रकाशित गजट के आधार पर शत्रु संपत्ति घोषित हुई थी। वर्तमान में इसमें तीन सौ वाहनों की पार्किंग की जा रही है, जबकि हाई कोर्ट के आदेश पर अधिवक्ताओं के लिए सौ वाहनों की पार्किंग आरक्षित है। जिला प्रशासन के आंकलन के अनुसार यदि यह संपत्ति नीलाम होगी तो इसका बाजार मूल्य सौ से 125 करोड़ होगा। यहां बता दें कि नैनीताल में कुल पार्किंग क्षमता 3085 वाहनों की है। जबकि आइआइटी दिल्ली के अध्ययन के अनुसार पर्यटन सीजन में रोजाना 4600 वाहन शहर में प्रवेश करते हैं।

जानें- किसे कहते हैं शत्रु संपत्ति

1947 में देश के बंटवारे, 1962 में चीन, 1965 और 1971 पाकिस्तान के खिलाफ  हुई जंग के दौरान या उसके बाद भारत छोड़कर पाकिस्तान या चीन चले गए नागरिकों को भारत सरकार शत्रु मानती है। ऐसी संपत्तियों की देखरेख के लिए सरकार एक कस्टोडियन की नियुक्ति करती है। भारत सरकार ने 1968 में शत्रु संपत्ति अधिनियम लागू किया था। जिसके तहत शत्रु संपत्ति को कस्टोडियन में रखने की सुविधा प्रदान की गई। केंद्र सरकार ने इसके लिए कस्टोडियन ऑफ  एनिमी प्रॉपर्टी विभाग का गठन किया है। जिसे शत्रु संपत्तियों को अधिग्रहित करने का अधिकार है।

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