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सीएए और एनआरसी के कारण हिंसाग्रस्त शहरों में बाइपास से गुजरेंगी बसें nainital news

सीएए के खिलाफ उत्तर प्रदेश दिल्ली समेत देश भर में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए उत्तराखंड परिवहन निगम अपनी संपत्ति स्टाफ व यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 22 Dec 2019 11:44 AM (IST)Updated: Sun, 22 Dec 2019 11:44 AM (IST)
सीएए और एनआरसी के कारण हिंसाग्रस्त शहरों में बाइपास से गुजरेंगी बसें nainital news
सीएए और एनआरसी के कारण हिंसाग्रस्त शहरों में बाइपास से गुजरेंगी बसें nainital news

हल्द्वानी, जेएनएन : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत देश भर में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए उत्तराखंड परिवहन निगम अपनी संपत्ति, स्टाफ व यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गया है। निगम ने चालक-परिचालकों को निर्देश दिए हैं कि हिंसा में सुलग रहे शहरों में बसों का प्रवेश न कराकर उनको बाइपास निकालें। साथ ही रास्ते में विपरीत दिशा से आ रही बसों के चालकों से इशारों में हालचाल भी लेते रहें। महाप्रबंधक (संचालन) दीपक जैन ने बताया कि बसों के संचालन मार्गों में परिवर्तन किया गया है। कुछ मार्गों पर बसें रद भी की गई हैं।

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उप्र से होकर गुजरती हैं ज्यादातर बसें

उत्तराखंड परिवहन निगम की ज्यादातर बसें उप्र से होकर गुजरती हैं। बरेली जाने के लिए रास्ते में बहेड़ी पड़ता है। इसी तरह मुरादाबाद जाने पर रामपुर पड़ता है। बरेली और मुरादाबाद भी संवेदनशील एरिया हैं। रही बात देहरादून की तो बिजनौर और फिर हरिद्वार पड़ता है। बिजनौर उप्र का हिस्सा है। हरिद्वार भले उत्तराखंड में आता हो मगर उस शहर में असर उप्र की राजनीति का रहता है। ऐसे में परिवहन निगम के अफसरों के आगे मुसीबत यह हो गई है कि यही वह रूट हैं जहां संचालन भी ज्यादा और राजस्व भी यहीं से सर्वाीधिक आता है। अगर कुछ भी हुआ तो संपत्ति के साथ स्टाफ व यात्रियों पर भी मुसीबत आ सकती है। इसलिए पूरी सतर्कता बरती जा रही है।

हिंसा के चलते बसों का राजस्व 40 फीसद घटा

हल्द्वानी डिपो की 16 बसें और काठगोदाम डिपो की 21 बसों का संचालन इन मार्गों पर होता है। इन बसों से दोनों डिपो को प्रतिदिन करीब 10 लाख रुपये की आमदनी होती है, लेकिन जब से हिंसा हो रही है तब से यात्रियों की संख्या तो घटी ही है, राजस्व गिरकर पांच से छह लाख के बीच आ गया है।

स्टेशनों पर देर शाम ही पसरा सन्नाटा

हल्द्वानी डिपो ऐसा है जहां रात 12 बजे तक यात्रियों का जमघट देखा जा सकता है। रात में सर्वाधिक आवाजाही दिल्ली, बरेली और देहरादून को रहती है। तीनों ही स्थान संवेदनशील शहरों से होकर गुजरते हैं, लिहाजा यात्रियों की संख्या इतनी घट गई है कि शाम होते ही हल्द्वानी रोडवेज बस अड्डे पर गिने-चुने यात्री ही दिख रहे हैं। शनिवार रात 11 बजे जागरण टीम ने बस अड्डे का दौरा किया तो नहीं के बराबर यात्री दिखाई दिए। मुरादाबाद के कांठ निवासी रामेंद्र पाल सिंह ने बताया कि बस तो खड़ी है, लेकिन समझ नहीं आ रहा कि सफर किया जाए या नहीं। रास्ते में रामपुर, स्वार आदि पडऩे से लग रहा है कि कहीं कोई बवाल में न फंस जाएं....। यह कहते हुए रामेंद्र रोडवेज के आसपास होटल का पता भी पूछने लगे। इसी तरह दिल्ली के साकेत निवासी हरवंश कपूर से बात की तो बोले, यहां दोस्त का परिवार रहता है। माहौल खराब है लिहाजा रात की जगह अब दिन में दिल्ली जाएंगे।

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