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    हल्‍द्वानी जेल में सजा भुगत रहे बंदियों का बीपी बढ़ा, खुजली भी कर रही है परेशान

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Tue, 19 Feb 2019 08:24 PM (IST)

    हल्द्वानी उप कारागार में सजा काट रहे बंदी बीमारी से भी जंग लड़ रहे हैं। वर्तमान में सबसे बीपी और खुजली की बीमारी से सबसे ज्यादा बंदी जूझ रहे हैं।

    हल्‍द्वानी जेल में सजा भुगत रहे बंदियों का बीपी बढ़ा, खुजली भी कर रही है परेशान

    हल्द्वानी, रजत श्रीवास्तव : हल्द्वानी उप कारागार में सजा काट रहे बंदी बीमारी से भी जंग लड़ रहे हैं। वर्तमान में सबसे बीपी और खुजली की बीमारी से सबसे ज्यादा बंदी जूझ रहे हैं। हालांकि जेल प्रशासन इनका इलाज करवा रहा है, मगर मानसिक तनाव और चिंता की वजह से ब्लड प्रेशर और स्वच्छता न रखने पर खुजली के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए बंदियों को अब तक बेस अस्पताल ले जाना पड़ता था, मगर सुरक्षा के लिहाज से देहरादून के आदेश पर खुले आइसीटीसी यानी इंटीग्रेटेड काउंसिल एंड टेस्टिंग सेंटर में कई बीमारियों का इलाज अब जेल के अंदर ही मुहैया हो जाएगा। इस वक्त जेल में 302 बंदी सजा काट रहे हैं और आइसीटीसी का इन्हें लाभ मिलेगा।

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    टीबी, बलगम के साथ होंगे छिटपुट इलाज

    जिला उप कारागार में टीबी, बलगम, एचआइवी के साथ ही गुप्त रोगों का इलाज किया जाएगा। केंद्र खुलने से कैदियों को अब बाहर ले जाने का रिस्क भी नहीं रहेगा। जेल के अंदर ही उनको उपचार मुहैया हो जाएगा।

    ऐसी है मरीजों की स्थिति

    बीमारी            संख्या

    बीपी               20

    खुजली            200

    दांत के रोग       08

    एचआइवी         00

    नशेड़ी मरीज      45

    गुप्त रोग सामने आए मरीज 

    उप कारागार में अब एचआइवी और गुप्त रोगों का इलाज भी संभव हो सके गा। इस वक्त गुप्त रोग से तीन कैदी परेशान हैं, जिनके इलाज के लिए यह केंद्र खोला गया है। केंद्र के चिकित्सकों की मदद से बाहर के चिकित्सक भी कैदियों का इलाज करेंगे।

    टेस्ट के साथ दवाएं होंगी वितरित

    टेस्ट के साथ दवाएं भी वितरित की जाएंगी। प्रत्येक मंगलवार को चिकित्सक एचआइवी और गुप्त रोगों के साथ अन्य छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज करेेंगे।

    आसीटीसी सेंटर खोलने का मकसद यह है कि बीमारियों का इलाज यहीं मिल जाए। ऐसे में मरीजों को बेस अस्पताल ले जाना पड़ता है, मगर अब एचआइवी और गुप्त रोग का इलाज यहां हो जाएगा।

    - मनोज आर्य, वरिष्ठ जेल अधीक्षक उप कारागार, हल्द्वानी

    जेलों में आइसीटीसी सेंटर खोलने के लिए देहरादून से आदेश आए थे। इसी के चलते जेल में सेंटर खोला गया है। यहां एचआइवी के साथ गुप्त रोग और अन्य बीमारियों का इलाज भी संभव होगा। 

    - डॉ. आरके जोशी, वरिष्ठ जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी

    कारागार में सबसे अधिक खुजली और बीपी के मरीज हैं। इनका इलाज चल रहा है। समय-समय पर मरीजों का इलाज किया जाता है।

    - उदय प्रताप सिंह, फार्मासिस्ट, जिला उप कारागार, हल्द्वानी

    जिला क्षय नियंत्रण केंद्र की टीम पहुंची कारागार

    जेल में खुले आइसीटीसी केंद्र में पहली बार 15 मरीजों का चेकअप किया गया। जिसमें एचआइवी में जीरा,  मगर गुप्त रोग के तीन मरीज मिले हैं। जिन्हें दवाइयां दी गई। इस दौरान जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी आरके जोशी के साथ डीसी पनेरू, प्रमोद भट्ट, अजय भट्ट, संतोष पांडेय के साथ जेल के फार्मासिस्ट उदय प्रताप सिंह, चिकित्साधिकारी डॉ. इकरार ने कैदियों का बारी-बारी से चेकअप किया और किट भी प्रदान की।

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