भवाली से खैरना तक खतरों से भरा है, जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे लोग
अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर भवाली से खैरना तक जगह-जगह खतरा मुंह बाएं खड़ा है। हद तो तब है कि संबंधित विभाग अब तक खतरे वाले स्थानों पर संकेतक भी नहीं लगा सका है। खतरों ने अनजान मुसाफिर हाईवे पर आवाजाही कर रहे हैं।

संवाद सूत्र, गरमपानी : अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर भवाली से खैरना तक जगह-जगह खतरा मुंह बाएं खड़ा है। हद तो तब है कि संबंधित विभाग अब तक खतरे वाले स्थानों पर संकेतक भी नहीं लगा सका है। खतरों ने अनजान मुसाफिर हाईवे पर आवाजाही कर रहे हैं। रात के वक्त आवाजाही में जोखिम दोगुना बढ़ जा रहा है।
हाईवे पर क्वारब से खैरना तक मलबा सफाई का कार्य चल रहा है। वही खैरना से भवाली तक जगह-जगह खतरा बना हुआ है। छह दिनों तक बंद रहने के बाद बमुश्किल हाईवे को आवाजाही लायक बनाया जा सका बाद में तीन दिन आवाजाही बाधित कर हाईवे को ठीक किया गया पर अभी भी जगह-जगह खतरा बना हुआ है। यात्री जान जोखिम में डाल हाईवे पर आवाजाही को मजबूर हैं। संबंधित विभाग ने कहीं पर भी संकेतक नहीं लगाए हैं जिससे वाहन चालक धोखा खा जा रहे हैं। यहां निगलाट, कैंची, पाडली, रातीघाट, दोपांखी क्षेत्र में खतरा बना हुआ है।
इधर स्थानीय व्यापारी नेता गजेंद्र नेगी, वीरेंद्र सिंह बिष्ट, महेंद्र बिष्ट, कुबेर सिंह जीना,अंकित सुयाल, हरीश चंद्र, पंकज भट्ट, पंकज नेगी, पूरन लाल साह आदि ने विभाग से खतरे वाले स्थानों पर संकेतक लगाए जाने की मांग की है। इधर एनएच के अपर सहायक अभियंता जेएस बोरा के अनुसार खतरे वाले स्थानों पर संकेतक लगाने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने निर्माण कार्य के चलते मार्ग पर सावधानी से सफर करने की अपील की है।
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