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    नैनीताल के भाष्कर खुल्‍बे बने पीएम मोदी के सलाहकार, डीएसबी से हैं पासआउट nainital news

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Sat, 22 Feb 2020 08:59 AM (IST)

    नैनीताल की प्रतिभा का एक बार फिर देश में डंका बजा है। शहर के तल्लीताल में पले पढ़े रिटायर्ड आइएएस भाष्कर खुल्बे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहका ...और पढ़ें

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    नैनीताल के भाष्कर खुल्‍बे बने पीएम मोदी के सलाहकार, डीएसबी से हैं पासआउट nainital news

    नैनीताल, किशोर जोशी : सरोवर नगरी नैनीताल की प्रतिभा का एक बार फिर देश में डंका बजा है। शहर के तल्लीताल में पले पढ़े रिटायर्ड आइएएस भाष्कर खुल्बे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया है। आइएएस खुल्बे कुछ समय पूर्व प्रधानमंत्री सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी के नए सलाहकार के रूप में भास्कर खुल्बे और अमरजीत सिन्हा की नियुक्ति को मंजूरी दी। 1983 बैच के अमरजीत सिन्हा बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं, जबकि भाष्‍कर खुल्‍बे पश्चिम बंगाल कैडर के अधिकारी रहे हैं। खुल्बे ने प्रधानमंत्री कार्यालय में काम किया है, जबकि सिन्हा ने ग्रामीण विकास सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं।

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    डीएसबी से पासआउट हैं खुल्‍बे

    1983 बैच के आइएएस भाष्कर खुल्बे उत्तराखंड के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए हैं। पश्चिम बंगाल कैडर के आइएएस खुल्बे की पहली तैनाती निदेशक मत्स्य के रूप में हुई थी। अल्मोड़ा जिले के भतराैंजखान के सीम गांव निवासी ठेकेदार स्व. ख्यालीराम खुल्बे के बेटे भाष्कर नैनीताल में रिक्शा स्टैंड के समीप रहते थे। उन्होंने  1979 में डीएसबी कॉलेज से पासआउट होने के बाद आइएएस, फिर  आइएमए और उसके बाद फ़ॉरेस्ट सर्विस की परीक्षा पास की। उनके करीबी भरत पांडेय के अनुसार उत्तराखंडी नौजवानों को मजबूत इरादों की वजह से उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।

    पत्‍नी भी रह चुकी हैं आइएएस

    आइएएस अधिकारी रहे भाष्कर खुल्बे की पत्नी मीता भी आइएएस अधिकारी रही हैं। मीता के पिता स्वर्गीय नवीन चंद्र जोशी जानेमाने अर्थशास्त्री थे। उनकी बैंकिंग पर कई पुस्तकें प्रकाशित हुईं।  मीता के नाना चीनाखान अल्मोड़ा से 1930 के दशक में अजमेर जा बसे थे। पीएम के नवनियुक्त सलाहकार भाष्कर खुल्बे कवि भी हैं। आइएएस भाष्कर खुल्बे बंगाल के लोकप्रिय मुख्यमंत्री ज्‍योति बसु के चहेते रहे। अब वह पीएम नरेन्द्र मोदी के चहेते अधिकारियों में शामिल रहे हैं। यही वजह है कि सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें फिर से महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।

    मोदी राज में उत्तराखंडी अफसरों का दबदबा

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड मूल के अधिकारियों पर भरोसा शुरू से ही रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पूर्व  थल सेनाध्यक्ष, अब तीनों सेनाओं के प्रमुख जनरल विपिन रावत उत्तराखंड के ही हैं। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन रहे अश्वनी लोहनी अल्मोड़ा के सतराली  क्षेत्र के निवासी हैं। रानीखेत निवासी पूर्व नौसेनाध्यक्ष एडमिरल डीके जोशी अंडमान के उपराज्यपाल हैं। इसके अलावा प्रसिद्ध गीतकार व सेंसर बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी भी उत्तराखंड के अल्मोड़ा निवासी हैं। एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक प्रदीप खरोला, डीजीएमओ अनिल भट्ट, रॉ चीफ रहे राजेन्द्र धस्माना का ताल्लुक भी उत्तराखंड से ही हैं।  

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