world tourism day उत्तराखंड के ये पर्यटन स्थल मोह लेते हैं पर्यटकों का मन, जानें इनके बारे में
उत्तराखंड दो मंडल (कुमाऊं व गढ़वाल) और 13 जिलों में बंटा हुआ है। हिंदुओं की आस्था के प्रतीक पवित्र चारधाम बद्रीनाथ केदारनाथ गंगोत्री और यमुनोत्री यहीं स्थित हैं।
नैनीताल, जेएनएन : हिमालय के ऊँचे शिखर, नदियां, झरने, सर्पाकार सड़कें, घने जंगल, झील और हर पहाड़ पर पवित्र मंदिर। जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड की, जिसे को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। यह छोटा सा खूबसूरत प्रदेश दो मंडलों (कुमाऊं व गढ़वाल) और 13 जिलों में बंटा हुआ है। हिंदुओं की आस्था के प्रतीक पवित्र चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री यहीं स्थित हैं। उत्तर का यह पहाड़ी राज्य गंगा और यमुना समेत देश की प्रमुख नदियों का उद्गम स्थल भी है। खूबसूरत झीलें, हिल स्टेशन, करीब 12 नेशनल पार्क, ग्लेशियरों और वैली ऑफ फ्लॉवर (फूलों की घाटी) का भी घर है, जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया है। यह राज्य अपने प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों, घने जंगलों, ग्लेशियरों और बर्फ से ढंकी चोटियों के लिए जाना जाता है। तो चलिए world tourism day पर आपको बताते हैं उत्तराखंड प्रमुख पर्यटन स्थलों की सैर कराते हैं।
नैनीताल
कहा जाता है सन् 1839 ई. में अंग्रेज व्यापारी पी. बैरन द्वारा नैनी झील की खोज की गई थी। कुमाऊं मंडल का यह जिला पर्यटन के लिहाज से बेहद खूबसूरत है। यहां साल भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। यहां की खास बात ये है की यहां बहुत सारी झील हैं जो अपनी नैसर्गिक छटा से पर्यटकों को रोमांचित कराती है। यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, नैनीताल झील, हनुमान गढ़ी, केव्स गार्डन, राज भवन, हल्द्वानी, भीमताल, कालाढूंगी, रामनगर, काठगोदाम, भवाली, घोड़ाखाल मंदिर, रामगढ़, मुक्तेश्वर, सात ताल, नौकुचिया ताल और बेतालघाट है। यहाँ आने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जोकि नैनीताल से 34 किमी. दूर है। राजधानी दिल्ली से 320 किमी दूर है। यहां का नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर एयरपोर्ट यहां से करीब 55 किमी दूर है। पर्यटकों के ठहरने के लिए सभी सुविधाओं से सुसज्जित होटल और रिजोर्ट उपलब्ध है।
पिथौरागढ़
इसका पुराना नाम (सोर घाटी) है ये चीन और नेपाल के बॉर्डर से लगा उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल का एक प्रमुख जिला है। जो मध्य और उच्च हिमालयी क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इसे (मिनी कश्मीर) के नाम से भी जाना जाता है। इसकी प्राकृतिक खूबसूरती देखते ही बनती है। इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों में पिथौरागढ़ फोर्ट, पाताल भुवनेश्वर, घाट, कामाक्षा टेम्पल, ध्वज टेम्पल, महाराजके पार्क, मिलम ग्लेशियर, थल केदार, धारचूला, मुनस्यारी, बेरीनाग और हिमालय की कई दर्शनीय ऊँची चोटियां है। यहां ठहरने के लिए होटल और रिजोर्ट उपलब्ध हैं।
अल्मोड़ा
इतिहासकारों की मानें तो सन् 1563 ई. में चंदवंश के राजा बालो कल्याणचंद ने आलमनगर के नाम से इस नगर स्थापना की थी। स्वतंत्रता की लड़ाई से लेकर शिक्षा, कला एवं संस्कृति के विकास में अल्मोड़ा का विशेष स्थान रहा है। कुमाऊंनी संस्कृति की असली छाप अल्मोड़ा में ही मिलती है। इसीलिए इसे सांस्कृतिक नगरी भी कहा जाता है। यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में पहाडों की रानी के नाम से चर्चित रानीखेत, चितई मंदिर, जागेश्वर धाम, कसार देवी, सोमेश्वर घाटी, द्वाराहाट, मानिला, बिनसर महादेव, चौबटिया गार्डन, स्याही देवी, चौखुटिया, डोल आश्रम, बिनसर जंगल, कटारमल सूर्य मंदिर मंदिर प्रमुख हैं। पर्यटकों, प्रकृति-प्रेमियों, और पर्वतरोहियों के लिए अल्मोड़ा सर्वोत्तम नगर है। यहाँ रहने के लिए अच्छे होटल उपलब्ध हैं।
बागेश्वर
सरयू और गोमती दो प्रसिद्ध नदियों के तट पर और हिमालय के नजदीक बसा बागेश्वर शहर उत्तराखण्ड राज्य का एक जिला है। यह धार्मिक गाथाओं, पर्व आयोजनों और आकर्षक प्राकृतिक दृश्यों के कारण प्रसिद्ध है। यहां के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में कौसानी हिल स्टेशन, चाय बागान, पिंडारी ग्लेशियर, बागनाथ मंदिर, बैजनाथ, चंडिका मंदिर, स्रीहरु मंदिर, गौरी उडियार, कपकोट, गरुड़ और कांडा प्रमुख पर्यटक स्थल है। जहाँ पर्यटक प्रकृति के मनोहर और रोमांचित कर देने वाले दृश्यों से रूबरू हो सकेंगे। यहाँ रहने के लिए होटल और रिजोर्ट उपलब्ध हैं।
चम्पावत
ऐतिहासिक नगर चम्पावत उत्तराखंड राज्य का एक जिला है। यह जिला अपने आकर्षक मंदिरों और खूबसूरत वास्तुशिल्प के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। ऊँचे-नीचे पहाड़ों के बीच से होकर बहती नदियां अद्भुत छटा बिखेरती हैं। यहां पर्यटकों को सब कुछ मिलता है जो एक पर्वतीय स्थान से वो चाहते हैं। वन्यजीवों से लेकर हरे-भरे मैदानों तक और ट्रैकिंग की सुविधा सब कुछ यहां पर है। यहाँ चंद शासकों के किले के अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं। यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में बालेश्रवर मंदिर, शनि देवता मंदिर, नागनाथ मंदिर, मीठा-रीठा साहिब, पूर्णागिरि मंदिर, पंचेश्रवर, देवीधुरा, लोहाघाट, अब्बोट माउंट, क्रांतेश्वर महादेव टेम्पल, एक हथिया का नौला और पाताल रुद्रेश्वर प्रमुख है। यहां पर्यटकों के ठहरने के लिए होटल और रिजोर्ट उपलब्ध है।
ऊधमसिंह नगर
उधम सिंह नगर कुमाऊं का प्रवेश द्वार है। भ्रमण की शुरूआत आप यहां के धार्मिक स्थानों से कर सकते हैं, नानक मत्ता यहां का प्रसिद्ध सिख तीर्थस्थल है। ऐसा माना जाता है कि गुरु नानक ने अपने पवित्र चरणों से इस स्थल को पवित्र किया था। तब से स्थल सिख समुदाय के लोगों के लिए एक तीर्थस्थल माना जाता है। पूरे भारत से यहां सिख अनुयायी इस स्थल का दिव्य स्पर्श पाने के लिए आते हैं। धार्मिक महत्व के अलावा यह स्थान बांध के लिए भी जाना जाता है। पर्यटकों द्वारा नौकायन और मछली पकड़ना यहां आम गतिविधियां हैं। इसके अलावा यह स्थान एक पिकनिक स्पॉट के रूप में भी काफी लोकप्रिय है।
रुद्रप्रयाग
ये जिला गढ़वाल मंडल में है। रुद्रप्रयाग अपने मंदिरों, नदियों और प्राकृतिक छटा के लिए प्रसिद्ध है। रुद्रप्रयाग भी पूर्व के केदारखंड का ही एक हिस्सा है। इसी केदारखंड में वेदों की रचना हुई थी। रुद्रप्रयाग शहर अलकनंदा तथा मंदाकिनी नदियों का संगम स्थल है। यहां से अलकनंदा देवप्रयाग में जाकर भागीरथी से मिलती है और पवित्र गंगा नदी का निर्माण करती है। यहां के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में केदारनाथ मंदिर, अगस्त्यमुनि, गुप्तकाशी, सोनप्रयाग, खिरसू, गौरीकुंड, दिओरिया ताल, चोपता है। यहां से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जोलीग्रांड देहरादून है, नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश और कई महत्वपूर्ण सड़क मार्ग गढ़वाल डिविजन से जुड़े हुए हैं। जहां से रोजाना रूद्रप्रयाग के लिए बसें चलती हैं। यहा। पर्यटकों के रहने के लिए होटल और रिजोर्ट उपलब्ध है।
चमोली
चमोली उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल का प्रमुख जिला है। यहां बर्फ से ढके पर्वतों के बीच स्थित खूबसूरत जगहें पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। यह प्रमुख धार्मिल स्थानों में से एक है। यहाँ हर साल हजारों की संख्या में पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। चमोली में कई बड़े और छोटे मंदिर हैं तथा ऐसे कई स्थान हैं जो रहने की सुविधा प्रदान करते हैं। इस स्थानों को "चाती" कहा जाता है "चाती" एक प्रकार की झोपड़ी है जो अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है । चमोली जिला मध्य हिमालय के बीच में स्थित है और अलकनंदा नदी यहाँ की प्रसिद्ध नदी है जो तिब्बत की जासकर श्रेणी से निकलती है। यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में प्रसिद्ध बद्रीनाथ मंदिर, तपकुण्ड, हेमकुंड साहिब, गोपेश्वर, पंच प्रयाग, देव प्रयाग, विष्णु प्रयाग, फूलो की घाटी, औली, केदारनाथ वाइल्डलाइफ सेंचुरी, इसके अलावा आप यहां से नंदा देवी, कामत औद और दुनागिरी पर्वतों का नजारा भी देख सकते हैं। यहां आने वाले पर्यटकों के लिए होटल और रिजोर्ट उपलब्ध है।
देहरादून
देहरादून गढ़वाल मंडल का सबसे बड़ा शहर और यही की राजधानी भी है। यह नगर अपने गौरवशाली पौराणिक इतिहास, अनेक प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों और अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यहां तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, सर्वे ऑफ इंडिया, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय मिलिटरी कॉलेज और इंडियन मिलिटरी एकेडमी जैसे कई शिक्षण संस्थान हैं। देहरादून बासमती चावल, चाय और लीची के बाग के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल है चकराता, देहरादून, मसूरी, ऋषिकेश, टपकेश्वर मंदिर, मालसी डियर पार्क, कलंगा स्मारक, लक्ष्मण सिद्ध, चंद्रबाणी, साईंदरबार, गुच्छूपानी, तपोवन, संतोलादेवी मंदिर और कई पर्यटक स्थल है जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य से पर्यटकों का मन मोह लेते है। यहां आगमन के लिए पर्यटकों को वायु मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग की सुविधा है। और रहने के लिए बड़े-बड़े होटल और पंचतारा रिजोर्ट उपलब्ध है।
टिहरी गढ़वाल
टिहरी गढ़वाल दो अलग-अलग नामों को मिलाकर बना है। टिहरी बना है शब्द ‘त्रिहरी’ से, जिसका मतलब है एक ऐसा स्थान जो तीन तरह के पाप (मनसा, वाचा और कर्मणा) धो देता है। वहीं दूसरा शब्द बना है ‘गढ़’ से जिसका मतलब होता है किला। यह जिला उत्तराखंड का प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां के पर्यटन स्थलों में टिहरी झील, बूढ़ा केदार, देवप्रयाग, खतलिंग ग्लेशियर, चम्बा, धनौल्टी, कुंजापुरी, सुरकण्डा देवी, चन्द्रबदनी, केम्पटी फॉल, नागटिब्बा आदि हैं। यहां पर्यटकों के लिए होटल और रिजोर्ट की सुविधा उपलब्ध है।
उत्तरकाशी
उत्तरकाशी जिला हिमालय रेंज की ऊँचाई पर बसा हुआ है। इस जिले में गंगा और यमुना दोनों नदियों का उद्गम स्थल है, यहाँ पर हज़ारों हिन्दू तीर्थयात्री प्रति वर्ष आते हैं। उत्तरकाशी कस्बा, गंगोत्री जाने के मुख्य मार्ग में पड़ता है, यहाँ पर बहुत से मंदिर हैं और यह एक प्रमुख हिन्दू तीर्थयात्रा का केन्द्र माना जाता है। यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल एकादश रूद्र मंदिर, डोडी ताल, दुर्योधन मंदिर, कुटेटी देवी मंदिर, शक्ति मंदिर, विश्वनाथ मंदिर, गंगोत्री ग्लेशियर, गंगोत्री नेशनल पार्क, नचिकेता ताल, दायरा बुग्याल आदि हैं। यहाँ पर आंगतुकों के लिए शानदार होटल एवं रिजोर्ट उपलब्ध हैं।
पौड़ी गढ़वाल
पौड़ी गढ़वाल उत्तराखण्ड का एक जिला है। जिले का मुख्यालय पौड़ी शहर में स्थित है। जिसके उत्तर में चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल है, दक्षिण में उधमसिंह नगर, पूर्व में अल्मोड़ा और नैनीताल और पश्चिम में देहरादून और हरिद्वार स्थित है। हिमालय की पर्वत श्रृंखलाएं इसकी सुन्दरता मैं चार चाँद लगाते हैं और हरे-भरे जंगल, बड़े-बड़े पहाड़ एवं छोटी-बड़ी नदियां यहाँ की सुन्दरता को बहुत ही मनमोहक बनाते हैं। यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में चौखम्बा व्यू पॉइंट, खिरसू, कंडोलिया देवता, दंड नागराज टेम्पल, ज्वाल्पा देवी टेम्पल, एकेश्वर महादेव, बिनसर महादेव, लाल टिब्बा, ताराकुण्ड देवी मन्दिर प्रमुख हैं। यहाँ पर्यटकों के ठहरने के लिए होटल और रिजॉर्टों की सुविधा उपलब्ध है।
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