कोराना वायरस से बचाव के कारण राशन की दुकानों में पीओएस मशीन पर प्रतिबंध nainital news
सरकारी दफ्तरों के बाद अब राशन की दुकानों पर भी कोरोना वायरस से बचाव के लिए एहतियात बरतनी शुरू की गई है।
हल्द्वानी, जेएनएन : सरकारी दफ्तरों के बाद अब राशन की दुकानों पर भी कोरोना वायरस से बचाव के लिए एहतियात बरतनी शुरू की गई है। सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल्स) मशीन के इस्तेमाल से हाथ खींच लिए हैं। इससे कुमाऊं समेत पूरे राज्य में ऑनलाइन राशन वितरण प्रणाली चरमरा सकती है।
उत्तराखंड की दस हजार सरकारी सस्ता गल्ला की दुकानों में वर्तमान में खाद्यान्न वितरण के लिए ऑनलाइन प्रणाली लागू है। हर माह उपभोक्ताओं को पीओएस डिवाइस में अंगूठा लगाने के बाद ही राशन दिया जाता है। इधर, हाल ही में सरकार की ओर से जारी की गई एडवायजरी से राशन विक्रेताओं में भी खलबली मची हुई है। दरअसल एडवायजरी में बायोमैट्रिक मशीनों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है। इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग, जल संस्थान समेत कई दफ्तरों में बायोमैट्रिक उपस्थिति पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सस्ता गल्ला विक्रेताओं की मानें तो वे हर रोज सैकड़ों उपभोक्ताओं को राशन देने के लिए उनका अंगूठा पीओएस मशीन में लेते हैं। ऐसे में यदि कोई भी उपभोक्ता कोरोना से संक्रमित होगा तो राशन विक्रेता इसकी चपेट में आ सकता है।
रजिस्टर में दर्ज होगा लेखा-जोखा
नैनीताल जिले की 563 सस्ता गल्ला की दुकानों में अब रजिस्टर में ही राशन का लेखा-जोखा रखा जाएगा। आदर्श राशन डीलर वेलफेयर सोसायटी नैनीताल के जिलाध्यक्ष नरेंद्र शर्मा की ओर से कोरोना संक्रमण के मद्देनजर दुकानों में पीओएस मशीन का इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई है। इस संबंध में बाकायदा वाट्सएप के जरिये मैसेज भी जारी किया गया है। रमेश चंद्र पांडे, प्रदेश अध्यक्ष, आदर्श राशन डीलर वेलफेयर ने बताया कि नैनीताल जिले के राशन विक्रेताओं को कोरोना संक्रमण के मद्देनजर पीओएस का इस्तेमाल न करने को लेकर मैसेज जारी कर दिया गया है। अन्य जिलों में भी इस संबंध में निर्देश जारी किए जाएंगे। खाद्य आयुक्त को भी पत्र भेजा गया है।
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