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    एमबीपीजी कॉलेज के योग छात्र उत्तराखंड समेत देशभर में योग की अलख जगा रहे nainital news

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Thu, 12 Mar 2020 10:56 AM (IST)

    एमबीपीजी कॉलेज के योग छात्र आज उत्तराखंड समेत पूरे देश में योग की अलख जगा रहे हैं। बेहद कम संसाधनों में भी बेंगलुरु पतंजलि योग पीठ हरिद्वार तक अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ रहे हैं।

    एमबीपीजी कॉलेज के योग छात्र उत्तराखंड समेत देशभर में योग की अलख जगा रहे nainital news

    हल्द्वानी, भानु जोशी : भारतीय जीवनशैली को समृद्ध बनाने वाले योग को लेकर आज दुनिया में होड़ मची है। भारत समेत संपूर्ण विश्व को योग गुरु बनाने में श्री अरविंदो, तिरुमलाई कृष्णमाचार्य, बीकेएस अयंगर, स्वामी शिवानंद, महर्षि महेश योगी, परमहंस योगानंद जग्गी वासुदेव, बाबा रामदेव का प्रयास काफी अहम रहा। इन्हीं के नक्शेकदम पर हल्द्वानी स्थित एमबीपीजी कॉलेज के योग छात्र आज उत्तराखंड समेत पूरे देश में योग की अलख जगा रहे हैं। बेहद कम संसाधनों में भी बेंगलुरु, पतंजलि योग पीठ हरिद्वार तक अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ रहे हैं।

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    16 साल में उपलब्धियां अनेक

    2004 में एमबीपीजी कॉलेज में योग का डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया गया। 2009 में यहां एमए में योग शुरू हुआ। 16 सालों के इस सुनहरे सफर में 25 होनहार अपना मुकाम पाने में कामयाब रहे। वर्तमान में पांच छात्र योग वेलफेयर सोसायटी बेंगलुरु से जुड़े हुए हैं। चार छात्र मुक्तेश्वर, हल्द्वानी, रानीखेत, पिथौरागढ़ के केंद्रीय विद्यालय तो चार छात्र कुमाऊं के डिग्री कॉलेजों में बतौर योग प्रशिक्षक सेवा दे रहे हैं। एक छात्र पतंजलि योग पीठ हरिद्वार में तैनात है।

    25 छात्रों ने उत्तीर्ण की नेट परीक्षा

    एमबीपीजी कॉलेज के एमए योग के छात्र योग को अपना करियर बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं। इसका नतीजा रहा कि अब तक करीब 25 विद्यार्थी  योग विषय में यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं।

    अंतरराष्ट्रीय योग फेस्टिवल में छाए

    कॉलेज में 70 विद्यार्थियों ने इस बार मार्च में ऋषिकेश में हुए अंतरराष्ट्रीय योग फेस्टिवल में अपनी प्रतिभा का परचम लहराया। सात दिवसीय फेस्टिवल में इन विद्यार्थियों ने योग आसन व क्रिया कर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा।

    धोती क्रिया के महारथी

    एमए योग के विद्यार्थी कई ऐसे आसन भी आसानी से कर दिखाते हैं जो हर किसी के लिए आसान नहीं।  विभाग समन्वयक डॉ. विनय विद्यालंकार ने बताया कि पूर्ण मत्स्येंद्र आसन और धोती क्रिया में कॉलेज के छात्रों को महारत हासिल है। धोती क्रिया में दो इंच चौड़ी व पांच मीटर लंबे कपड़े से आंतों की सफाई की जाती है।

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