Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Uttarakhand Chunav 2022 : कांग्रेस का दिखावा है लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा : सुनीता

    By Prashant MishraEdited By:
    Updated: Mon, 24 Jan 2022 03:18 PM (IST)

    Uttarakhand Vidhan Sabha Chunav 2022 सुनीता टम्टा ने कहा है कि पार्टी का निर्णय बहुत ही गलत है। लड़की हूं लड़ सकती हूं नारे के साथ महिलाओं का टिकट वितरण में पीछे धकेलना साबित करता है कि कहीं न कहीं कांग्रेस की कथनी व करनी में भी अंतर है।

    Hero Image
    माना जा रहा है कि सुनीता टम्टा निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर सकती हैं।

    संवाद सहयाेगी, बाजपुर : विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण के बाद कांग्रेस में भी बगावत के स्वर मुखर होने लगे हैं। टिकट नहीं मिलने से नाराज सुनीता टम्टा बाजवा व उनके समर्थकों ने कांग्रेस को मौका परस्त करार देते हुए आक्रोश जाहिर किया। वहीं माना जा रहा है कि सुनीता टम्टा निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर सकती हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कांग्रेस पार्टी से पूर्व मंत्री यशपाल आर्य को प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा के बाद से वर्ष 2017 में कांग्रेस की प्रत्याशी रहीं सुनीता टम्टा बाजवा व उनके समर्थकों ने बगावत करने की तैयारी शुरू कर दी है। सुनीता टम्टा ने कहा है कि पार्टी का निर्णय बहुत ही गलत है। लड़की हूं लड़ सकती हूं नारे के साथ महिलाओं का टिकट वितरण में पीछे धकेलना साबित करता है कि कहीं न कहीं कांग्रेस की कथनी व करनी में भी अंतर है। टिकट वितरण में महिलाओं को सम्मान देने की बात कही जाती रही है, लेकिन भाजपा व कांग्रेस द्वारा महिलाओं को कहीं भी सम्मान नहीं दिया गया। राष्ट्रीय दल महिलाओं की अनदेखी करते आ रहे हैं।

    इधर सुनीता के बहुजन समाज पार्टी अथवा आम आदमी पार्टी में जाने की चर्चाएं भी जोरों पर हैं। कोई बात नहीं बनती है तो वह निर्दलीय मैदान में उतर सकती हैं। हालांकि इस विषय पर सुनीता टम्टा ने अभी कोई जवाब तो नहीं दिया है, लेकिन इतना जरूर है कि 24 जनवरी (आज) को प्रात: 10 बजे समर्थकों व कार्यकर्ताओं की बैठक प्रस्तावित हुई है जिसमें गहन मंथन कर आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।

    टिकट छीन सकते हैं हौसला नहीं

    संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि हमारा सेवा का जज्बा है और लंबे समय से क्षेत्रवासियों की सेवा कर रहे हैं तथा आगे भी करते रहेंगे। राजनैतिक पार्टियां व नेता टिकट छीन सकते हैं, लेकिन हमारा हौसला कोई नहीं तोड़ सकता। मौजूदा दौर में राष्ट्रीय राजनैतिक पार्टियों का चरित्र मौका परस्त वाला बन चुका है। वर्ष 2017 में एन वक्त पर कांग्रेस छोड़कर गए यशपाल आर्य को भाजपा ने पार्टी में शामिल करके टिकट दे दिया और उस वक्त पूरी तरह से बिखर चुकी कांग्रेस पार्टी को छोटे कार्यकर्ताओं ने फिर से जिंदा करने का काम किया। आज कांग्रेस जीतने की स्थिति में थी तो एक बार फिर से दल बदल कर कांग्रेस में आए यशपाल आर्य को टिकट दे दिया। इससे बहुत से कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है।