उत्तरायणी कौतिक के लिए सजी बागनाथ नगरी, आज सतपाल महराज करेंगे शुभारंभ nainital news
इतिहासकारों के अनुसार सरयू गोमती और सुप्त सरस्वती के संगम पर लगने वाले मेले की शुरुआत चंद वंशीय राजाओं के शासनकाल से हुई। मेले का आगाज आज सांस्कृतिक झांकी के साथ होगा।
बागेश्वर, जेएनएन : उत्तर की काशी के नाम से प्रसिद्ध बागेश्वर में लगने वाला उत्तरायणी मेला पूरे उत्तराखंड में प्रसिद्ध है। मेले का शुभारंभ माघ पूॢणमा की पूर्व संध्या पर होता है। इतिहासकारों के अनुसार सरयू, गोमती और सुप्त सरस्वती के संगम पर लगने वाले मेले की शुरुआत चंद वंशीय राजाओं के शासनकाल से हुई। ऐतिहासिक मेले का आगाज मंगलवार को सांस्कृतिक झांकी के साथ होगा। मेले के चलते नुमाइश मैदान में झूले, चर्खे लग चुके हैं। बाबा बागनाथ का मंदिर सज गया है। इसके अलावा गोमती व सरयू पुल की सजावट का कार्य भी पूरा कर दिया गया है।
शुरुआत में बागनाथ मंदिर में मेला समिति द्वारा पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके बाद तहसील परिसर में विभिन्न सांस्कृतिक दल व मेला समिति के सदस्य, स्कूली बच्चे एकत्र होंगे। तहसील परिसर से झांकी निकाली जाएगी। इसके साथ ही मेले का आगाज होगा। मेले के चलते नगर पालिका व जिला पंचायत द्वारा बनाए गए दुकानों में व्यवसाय प्रारंभ हो गया है। मेले के चलते सरयू व गोमती पुल की विशेष सजावट की गई है। सरयू, गोमती और अ²श्य सरस्वती नदी के संगम, नीलेश्वर और भीलेश्वर पर्वत की तलहटी, सूर्यकुंड, अग्निकुंड जैसे पवित्र स्थलों के मध्य स्थित मार्कंडेय ऋषि की तपोभूमि व्याघ्रेश्वर, बागनाथ की पावन भूमि में लगने वाले उत्तरायणी मेले का शुभारंभ मंगलवार अपराह्न दो बजे से होगा और मेला 21 जनवरी तक आयोजित किय जाएगा। उदघाटन पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज, विशिष्ट अतिथि प्रभारी मंत्री जिला रेखा आर्य, जिपंअ बसंती देव, सांसद अजय टम्टा, राच्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, विधायक बलवंत भौर्याल और अध्यक्षता विधायक चंदन राम दास करेंगे।
आज के कार्यक्रम
-सुबह 11 बजे सांस्कृतिक झांकी तहसील परिसर से नुमाइशखेत तक
-अपराह्न दो बजे उत्तरायणी कौतिक का उदघाटन
-2.10 बजे विकास प्रदर्शनी का उदघाटन
-2.30 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ
-शाम सात से साढ़े आठ बजे तक धीरेंद्र चौबे और कौशल उपाध्याय एंड पार्टी की भजन संध्या
-रात नौ बजे से बैर, भगनौल, झोड़ा-चांचरी चौक बाजार में होंगे आयोजित
-इसके अलावा खुशी जोशी दिगारी, गगन ग्रोवर, अमित चुग की विशाल भजन संध्या एवं जागरण रात नौ से साढ़े चार बजे तक।
झांकी का मुख्य आकर्षण
-कुमाऊंनी ढोल, दमाऊ, नगाड़े, मस्कबीन, तुतुरी, रणसिंह ।
-कुमाऊं रेजमेंट का बैंड।
-मदकोट का विशाल नगाड़ा।
-कुमाऊंनी झोड़ा-चांचरी।
-बौराण कुथाल, कुमौया भदेला।
-दानपुर के सिरगाल मोस्ट आदि।
-स्थानीय स्कूलों की झांकी।
-कुमाऊं का छोलिया नृत्य।
-विकास प्रदर्शनी, स्कूलों के बैंड, छोलिया नृत्य
-घोड़े और ऊंट की सवारी।
-रंगोली प्रतियोगिता।
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