इस गांव के परिवार से 70 लोग हैं सेना में, पहली बार यहां का लाल बना लेफ्टीनेंट nainital news
बागेश्वर के आरे-द्वारसों गांव में खुशी का माहौल है। गांव का पहला बेटा सेना में लेफ्टिनेंट बना है। हालांकि गांव के करीब 70 परिवार सीधे तौर पर भारतीय सेना से जुड़ हुए हैं।
बागेश्वर, जेएनएन : बागेश्वर के आरे-द्वारसों गांव में खुशी का माहौल है। गांव का पहला बेटा सेना में लेफ्टिनेंट बना है। हालांकि गांव के करीब 70 परिवार सीधे तौर पर भारतीय सेना से जुड़ हुए हैं, लेकिन यह पहला मौका है जब गांव का बेटा कमीशन लेकर अफसर बना है। ग्रामीणों को अपने लाल पर नाज है और सोमवार को गांव में मिठाई बांटकर खुशी मनाई।
आइएमए देहरादून में डेढ़ साल का प्रशिक्षण
सूबेदार मेजर और कैप्टन चंदन सिंह खड़ाई का 24 वर्षीय बेटा अर्जुन सिंह खड़ाई ने आइएमए देहरादून में डेढ़ साल का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद लेफ्टिनेंट बन गया है। गत दिवस आयोजित परेड के बाद उनका चयन गोरवा रेजीमेंट सिलीगुड़ी के लिए हुआ है। आर्मी अफसर बनने के बाद उनकी गृहणी माता जानकी देवी खुशी से निहाल है। उनका इकलौता बेटा भारतीय सेना में अफसर बना है। उनकी बहन पूजा एमएएसी की छात्रा हैं और भाई को कामयाबी मिलने पर खुशी से झूम रही हैं।
बचपन से ही मेधावी रहा है अर्जुन
अर्जुन के पिता ने बताया कि उनका बेटा फौज के माहौल में पला-बढ़ा और पढ़ा। 12वीं की परीक्षा केंद्रीय विद्यालय से 95 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की। देश की सेवा करने में बचपन से ही उसमें जज्बा था। उसकी पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय से पूरी हुई और पंतनगर विश्वविद्यालय से बीएसी की और एग्रीक्लचर के क्षेत्र में जाने की तैयारी में था। बीच में सीडीएस यानि कंबाइंड डिफेंस सर्विस में चयन हुआ। डेढ़ साल तक कड़ी मेहनत के बाद वह गत दिवस लेफ्टिनेंट बन गया है।
गांव सेना को समर्पित
पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने कहा कि उनका पैतृक गांव आरे सेना के लिए समर्पित है। गांव में 150 परिवार रहते हैं और जिसमें 70 परिवार सेना में तैनात हैं। लेकिन गांव से पहला लेफ्टिनेंट बनने से खुशी है। गांव के दीपक खेतवाल, पूर्व सूबेदार गोविंद सिंह, जयंत भाकुनी, कैप्टन हरीश मेहरा आदि ने खुशी जताई है।
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