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    तकनीकी विवि की कुलसचिव की नियुक्ति मामला हाई कोर्ट पहुंचा

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Fri, 11 Jan 2019 06:53 PM (IST)

    हाई कोर्ट ने अनीता को नियुक्ति को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र व राज्य सरकार के साथ ही सचिव तकनीकी विवि समेत अन्य को नोटिस जारी किया है।

    तकनीकी विवि की कुलसचिव की नियुक्ति मामला हाई कोर्ट पहुंचा

    नैनीताल, जेएनएन : उत्तराखंड तकनीकी विवि के कुलसचिव पद पर अनीता रावत की नियुक्ति का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। अनीता को नियुक्ति को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र व राज्य सरकार के साथ ही सचिव तकनीकी विवि समेत अन्य को नोटिस जारी किया है। कोर्ट पूरे मामले में शीतकालीन अवकाश के बाद सुनवाई करेगा। देहरादून के अरुण शर्मा ने याचिका दायर कर अनीता की कुलसचिव पद पर नियुक्ति को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता के अनुसार 2015 में कुलसचिव पद के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, लेकिन 2017 में किसी विज्ञापन के आधार पर आवेदन करने वाली अनीता रावत को अपर मुख्य सचिव द्वारा मनमाने तरीके से नियुक्ति दे दी गई। याचिकाकर्ता के अनुसार अनीता कुलसचिव पद की अर्हता नहीं रखती है। याचिका में विवि में 20 करोड़ खर्च की भी जांच की मांग की है। साथ ही कहा कि यह धनराशि जिस मद में खर्च करनी थी, उसमें नहीं की गई। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद केंद्र व राज्य सरकार समेत अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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    उत्तरकाशी में कूड़ा फेंकने का मामला हाई कोर्ट पहुंचा

    नैनीताल : हाई कोर्ट ने उत्तरकाशी जिले के ग्राम सभा कनसैंण के समीप जल विद्युत निगम की खाली जमीन पर कूड़ा फेंकने के मामले में नगरपालिका उत्तरकाशी को स्थिति साफ करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में उत्तरकाशी निवासी किशोर सिंह बिष्टï व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि कनसैंण ग्राम पंचायत के समीप जल विद्युत निगम की खाली जमीन पर जिला प्रशासन व पालिका द्वारा जबरन कूड़ा फेंका जा रहा है। यह भी कहा है कि यह स्थान गंगा भागीरथी नदी से सौ मीटर से कम दूरी पर है। कूड़े की वजह से ग्रामीणों, उस स्थान से गुजरने वाले राहगीरों, केंद्रीय विद्यालय के बच्चों, मनेरा स्टेडियम जाने वाले खिलाडिय़ों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कूड़े से नदी के दूषित होने का खतरा है। खंडपीठ ने मामले में गंभीर रुख अपनाते हुए शुक्रवार तक स्थिति साफ करने के निर्देश दिए हैं।

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