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हरिद्वार जिले को छोड़कर अन्य जिला सहकारी बैंकों के 410 पदों पर नियुक्ति का रास्‍ता साफ

हाई कोर्ट ने हरिद्वार जिले को छोड़कर अन्य जिला सहकारी बैंकों के 410 पदों पर अभ्यर्थियों के चयन पर लगी रोक हटा दी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 07:58 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 07:58 AM (IST)
हरिद्वार जिले को छोड़कर अन्य जिला सहकारी बैंकों के 410 पदों पर नियुक्ति का रास्‍ता साफ
हरिद्वार जिले को छोड़कर अन्य जिला सहकारी बैंकों के 410 पदों पर नियुक्ति का रास्‍ता साफ

नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने हरिद्वार जिले को छोड़कर अन्य जिला सहकारी बैंकों के 410 पदों पर अभ्यर्थियों के चयन पर लगी रोक हटा दी है। अब इन पदों पर चयनित अभ्यर्थियों के चार्ज लेने का रास्ता साफ हो गया है। फरवरी 2009 में जिला सहकारी बैंक के उप महाप्रबंधक, शाखा प्रबंधक, क्लर्क, कैशियर समेत अन्य पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की गई। चयन प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई। इधर हरिद्वार जिला सहकारी बैंक के निदेशक सुरेंद्र सिंह ने याचिका दायर कर चयन प्रक्रिया को चुनौती दे दी। याचिका में कहा गया कि चयन प्रक्रिया सहकारी बैंक केंद्रीयकृत सेवा विनियम के प्रावधानों के विरुद्ध पूरी की गई है। उत्तराखंड सहकारी संस्थागत मंडल को नियुक्ति का अधिकार ही नहीं है। चयन प्रक्रिया गुप्त रूप से पूरी की गई। विज्ञप्ति की सूचना का वृहद रूप से प्रसारित नहीं की गई। ओबीसी कोटे के अभ्यर्थियों के लिए पद रिक्त नहीं किया गया।  

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बैंक की ओर से ओबीसी कोटे का कोई पद सृजित नहीं

याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 23 अगस्त 2019 को सेवा मंडल की आरे से जारी  परीक्षा परिणाम पर रोक लगा दी। इस मामले में सरकार ने कोर्ट में जवाब दाखिल किया कि याची स्वयं पक्षकार की परिभाषा में नहीं आता, लिहाजा नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने का वैधानिक अधिकार नहीं है। बताया कि हरिद्वार डीसीबी में ओबीसी का कोटा पूरा है, इसलिए बैंक की ओर से ओबीसी कोटे का कोई पद नहीं सृजित किया गया। याचिका में जिन नियमों को आधार बनाया गया है, वह नियम चयन प्रक्रिया में लागू नहीं होता। याची सिर्फ हरिद्वार डीसीबी के पदों की चयन प्रक्रिया के विरुद्ध है, लिहाजा अन्य जिलों की चयन प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग गलत है।

न्यायमूर्ति संशोधित किया आदेश

उक्‍त बहसों को सुनने के बाद न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने पूर्व के रोक के आदेश को संशोधित कर दिया। इसके तहत हरिद्वार जिले में तृतीय श्रेणी के 28 समेत 32 पदों की चयन प्रक्रिया पर रोक बरकरार रहेगी। अन्य जिलों के 410 पदों की चयन प्रक्रिया पर लगी रोक हटा दी।

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