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    भावनाओं को छू गए शाह, सारे तीर छोड़े कांग्रेस की ओर

    By BhanuEdited By:
    Updated: Fri, 09 Dec 2016 06:03 AM (IST)

    भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मुद्दों की बजाय पहाड़ के लोगों की भावनाओं को कुरेदने की कोशिश की। उनके तरकश से निकले तीर मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस की ओर ही चले।

    हल्द्वानी, [डॉ. राघवेंद्र चड्ढा]: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने हल्द्वानी की रैली में मुद्दों की बजाय पहाड़ के लोगों की भावनाओं को कुरेदने की कोशिश की। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए यह जताने की कोशिश की कि इस राज्य की रचना भाजपा की देन है। वहीं लोगों को यह भी अहसास कराने की कोशिश की कि कांग्रेस कभी भी अलग उत्तराखंड की पक्षधर नहीं थी। वह तो इसे केंद्र शासित राज्य बनाना चाहती थी। उन्होंने उत्तराखंड के लिए यहां के लोगों के बलिदान को भी याद किया।
    शाह के तरकश से जितने भी तीर निकले, सभी यहां के मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस की ओर ही चले। सैनिक बाहुल्य कुमाऊं में उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि कांग्रेस कभी भी वन रैंक वन पेंशन को लागू नहीं करना चाहती थी। यदि वह इसे लागू करना चाहती तो 60 साल शासन का समय कम नहीं होता।

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    प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र में सरकार बनने के एक साल के भीतर ही इसे लागू कर दिया। आज जवानों के खाते में 55 सौ करोड़ रुपये पहुंच चुके हैं। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक के बहाने यह संदेश देने की कोशिश की कि मोदी सरकार ने जवानों को खुली छूट दे रखी है। अब वह देश की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

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    अमित शाह के निशाने पर कांग्रेस से अधिक यहां के मुख्यमंत्री हरीश रावत रहे। उन्होंने विधायकों की खरीद-फरोख्त की स्टिंग और खनन की ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री की छवि एक भ्रष्ट नेता के रूप में पेश करने की कोशिश की। कहा कि जिस पार्टी के लोग गरीबों के हिस्से का चावल हजम कर जाते हैं उस पार्टी की सरकार आप कैसे बनने देंगे।

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    अमित शाह को यह पता है कि कुमाऊं के अधिकांश लोग पर्यटन निर्भर हैं। लिहाजा उन्होंने इसे भी साधने की कोशिश की। कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इसे देश का सबसे बेहतर पर्यटन राज्य बनाना चाहते हैं, लेकिन इस राज्य की सरकार उनके इस सपने को पूरा नहीं होने देना चाहती। इसलिए यहां भाजपा की सरकार जरूरी है। उन्होंने लोगों को यह विश्वास दिलाने की कोशिश की कि यदि यहां मोदी की सरकार बनती है तो यहां से पलायन की समस्या बिल्कुल समाप्त हो जाएगी। लोगों को अपने राज्य में ही रोजगार मिल सकेगा।

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    करीब 13 मिनट के भाषण में अमित शाह ने सिर्फ रावत सरकार को घेरने की कोशिश की और मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। लोगों को उम्मीद थी कि भाजपा अध्यक्ष विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड के विकास के प्रति भाजपा का नजरिया स्पष्ट करेंगे लेकिन शाह ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा उठाए गए मुद्दों को नए सिरे से लागू करने व सुशासन का सपना दिखाया।
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