coronavirus : जापान से लौटे मरीज को अस्पताल पहुंचाने से एंबुलेंस कर्मचारी ने किया इन्कार
जापान से लौटे व्यक्ति में कोरोना वायरस जैसे लक्षणों की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग से लेकर शहर में हलचल मच गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीज के हल्दूचौड़ स्थित आवास पहुंची।
हल्द्वानी, जेएनएन : जापान से लौटे व्यक्ति में कोरोना वायरस जैसे लक्षणों की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग से लेकर हल्द्वानी में हलचल मच गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीज के हल्दूचौड़ स्थित आवास पहुंची। टीम ने मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए आपातकालीन एंबुलेंस को फोन किया तो एंबुलेंस कर्मियों ने ऐसे मरीज को अस्पताल पहुंचाने से इन्कार कर दिया। एंबुलेंसकर्मी के इस इन्कारनामे ने बीमारी को लेकर किए जा रहे स्वास्थ्य विभाग के दावों की भी पोल खोल दी।
जहां जागरूकता के लिए बार-बार ऐसे मरीजों को भीड़-भाड़ में जाने से मना किया जा रहा है, वहीं मरीज को पब्लिक ट्रांसपोर्ट टैक्सी से एसटीएच पहुंचना पड़ा। अस्पताल प्रबंधन के पास भी अतिरिक्त एंबुलेंस की सुविधा नहीं है, लेकिन मरीज के अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरुण जोशी ने पूरी व्यवस्था की। वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. अशोक कुमार ने मरीज को आइसोलेशन वार्ड में ले जाकर जांच की।
डॉ. जोशी ने बताया कि मरीज पहले भी दिखाने आया था। उसने गले में खरास की दिक्कत बताई थी, मगर इस समय उसका स्वास्थ्य ठीक है। एहतियात के तौर पर उसका सैंपल लिए जाने की भी सूचना है। इधर, मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए एबुलेंस के नहीं आने पर तरह-तरह की चर्चा होती रही। अस्पताल प्रशासन से लेकर परिजनों तक ने भी इस तरह की स्थिति पर आश्चर्य जताया।
मरीज पर रखी जा रही नजर : सीएमओ
सीएमओ डॉ. भारती राणा ने बताया कि इस मरीज की जानकारी राज्य स्तर पर नहीं आई थी। एसटीएच के एमएस की सूचना पर टीम भेजी गई थी। फिलहाल मरीज की रिपोर्ट भी आ गई है। उसे केवल डायरिया है। सावधानी के तौर पर नजर रखी जा रही है।
नैनीताल जिलों में विदेशों से लौटे हैं 25 मरीज
नैनीताल जिले में विदेशों से लौटे 25 मरीजों पर स्वास्थ्य विभाग नजर रख रहा है। इनमें से 18 मरीज 28 दिन से निगरानी में हैं। ये सभी बिल्कुल स्वस्थ हैं। सीएमओ डॉॅ. भारती राणा का कहना है कि डरने के बजाय लोग बचाव पर ध्यान रखें। कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की अफवाहें फैल रही हैं। लोग इस तरह के संदेश से डर रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि लोग बेवजह के संदेशों पर ध्यान न दें।
बचाव पर ही रखें अपना ध्यान : डॉ. जोशी
एसटीएच के चिकित्सा अधीक्षक व वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण जोशी का कहना है कि फिलहाल अपने क्षेत्र में इस तरह की बीमारी नहीं है। इसलिए डरने की जरूरत नहीं है। इस मौसम में सामान्य सर्दी, जुकाम, बुखार की स्थिति रहती है, जो सामान्य उपचार से कुछ समय बाद ठीक हो जाता है।
बाहर से आने वाले मरीज की हो जांच : डॉ. पंत
आइएमए के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. दिनेश चंद्र पंत ने बताया कि बाहर से आने वाले मरीज पर पूरी निगरानी होनी चाहिए। यह बीमारी हवा के बजाय ड्राप के माध्यम फैलती है। इसलिए हाथ मिलाने से बचें।
बचाव के लिए अपनाएं ये तरीका
- हाथों को बार-बार धोएं
- इस्तेमाल किए गए टिश्यूज को फेंक दें
- खांसते-छींकते समय डिस्पोजल टिश्यू का इस्तेमाल करें
- टिश्यू नहीं है तो खांसते-छींकते समय बाजू का इस्तेमाल करें
- बिना हाथ धोए आंख, नाक व मुंह न छुएं
- बीमार के संपर्क में आने की कोशिश न करें
ये रहते हैं लक्षण
- सिरदर्द
- खांसी
- मांशपेशियों में दर्द
- बुखार व थकान
- सांस लेने में परेशानी
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