आगरा फोर्ट ट्रेन का नया अवतार, अब पहले से ज्यादा सेफ और कंफर्टेबल
आगरा फोर्ट ट्रेन अब नई तकनीक से निर्मित है जिसमें सुरक्षा के उपाय बढ़ाए गए हैं। रामनगर से आगरा के लिए यह ट्रेन सप्ताह में तीन दिन चलती है। अब यह एलएचबी तकनीक से बनी है जो पहले से ज़्यादा सुरक्षित है और इसमें यात्रियों की बैठने की क्षमता भी ज़्यादा है। इस ट्रेन को 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक चलाया जा सकता है।

जासं, रामनगर। आगरा फोर्ट ट्रेन को अब नई तकनीक से बनाया गया है। जिसमें सुरक्षा उपाय बढ़ाए गए हैं। रामनगर से आगरा के लिए ट्रेन सप्ताह में तीन दिन सोमवार, गुरुवार व शनिवार को चलती है। ट्रेन शाम पौने आठ बजे रामनगर से चलकर दूसरे दिन सुबह आगरा पहुंचती है।
दूसरे दिन शाम को चलकर फिर सुबह रामनगर पहुंचती है। पहले आगरा के लिए जो ट्रेन चलती थी, वह आईसीएफ (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री) तकनीक से निर्मित थी। आईसीएफ कोच पारंपरिक यात्री कोच हैं। इन कोच में यात्रियों की बैठने की क्षमता कम होती है। कोच में एयर ब्रेक थे। लेकिन अब रामनगर-आगरा ट्रेन एलएचबी लिंक (हाफमैन बुश तकनीक) से निर्मित है।
इस ट्रेन में सुरक्षा उपाय पहले से काफी ज्यादा है। कोच के भीतर बैठने की क्षमता भी पहले से ज्यादा है। आईसीएफ तकनीक से निर्मित ट्रेन को पहले अधिकतम 110 किलोमीटर प्रति घंटा चलाया जा सकता था। लेकिन उन्नत तकनीक की इस ट्रेन को अब 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक चलाया जा सकता है।
ट्रेन में पहले 15 कोच थे, अब इसमें एसी थ्री के दो कोच बढ़ा दिए गए हैं। अब कोच की संख्या 17 हो गई है। इसमें चार एसी थ्री, एक एसी टू, चार जनरल कोच, स्लीपर कोच छह, दो ब्रेकवान कोच है।
रामनगर रेलवे स्टेशन के अधीक्षक राजकुमार बर्णवाल ने बताया कि नई तकनीक की ट्रेन में सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है। इसमें डिस्क ब्रेक है। सबसे बड़ी बात यह है कि कहीं गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होती है तो इसके कोच एक दूसरे पर नहीं चढ़ेंगे। पर्यटन नगरी होने की वजह से अब इसमें दो की जगह पांच एसी कोच कर दिया है।
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