UKSSSC Exam के बाद अब विवादों में PCS-J परीक्षा का रिजल्ट, हाई कोर्ट पहुंचा मामला; 83 एप्लीकेंट हुए थे पास
उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी परीक्षा के बाद अब पीसीएस-जे परीक्षा का परिणाम विवादों में है। इस परीक्षा में 83 एप्लीकेंट पास हुए थे, जिसके बाद परिणाम को ...और पढ़ें

तीन सवालों के जवाब को अभ्यर्थी ने दी थी चुनौती। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल न्यायाधीश (जूनियर डिवीजन) परीक्षा, 2023 का प्रारंभिक परिणाम का फिर से मूल्यांकन करने का निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने परीक्षा में पूछे गए एक सवाल को हटाने व दो अन्य सवालों के विकल्पों का सही उत्तर मानने को कहा है।
साथ ही अभ्यर्थियों के जवाबों का फिर से मूल्यांकन करने व यूपीएससी रेगुलेशन-2022 के अनुसार नई वरीयता सूची प्रकाशित करने का अहम निर्णय दिया है।परीक्षा के अभ्यर्थी व उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिला निवासी सूयांश तिवारी ने याचिका दायर कर प्रारंभिक परीक्षा के दौरान दी गई सीरीज ए की बुक लेट में शामिल सवालों को चुनौती दी थी।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई के दौरान आयोग के अधिवक्ता ने कहा कि विशेषज्ञ की राय को देखते हुए कमीशन की ओर से दिया गया उत्तर गलत था, इसलिए उम्मीदवारों की आपत्ति वैध पाते हुए स्वीकार किया गया। सुनवाई के दौरान आयोग के सचिव अशोक कुमार पांडे वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने अदालत को सहायता दी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने कहा कि आयोग को मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान उस प्रश्न को हटा देना चाहिए था, जो प्रतियोगी परीक्षाओं को नियंत्रित करने वाले स्थापित सिद्धांतों और कानून की तय स्थिति के अनुरूप है।
किसी भी उम्मीदवार को परीक्षा लेने वाले अथॉरिटी की गलती या अस्पष्टता के कारण नुकसान नहीं होना चाहिए। हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय का हवाला देते हुए कहा था कि जहां उत्तरकुंजी साफ तौर पर गलत है या किसी प्रश्न के एक से अधिक सही उत्तर हैं, तो कोर्ट निर्देश दे सकता है कि ऐसे प्रश्नों को मूल्यांकन से बाहर रखा जाए और उसी के अनुसार अंक दिए जाएं, न कि अपनी खुद की कुंजी को बदला जाए।
2022 के रेगुलेशन में साफ तौर पर कहा गया है कि जहां प्रश्न संरचनात्मक रूप से दोषपूर्ण है, ऐसे प्रश्न को प्रश्न पत्र से हटा दिया जाएगा और बाकी प्रश्नों के अंक आनुपातिक रूप से बढ़ा दिए जाएंगे ताकि कुल अधिकतम अंक अपरिवर्तित रहें। उल्लेखनीय है कि आयोग की ओर से पीसीएस जे की परीक्षा 31 अगस्त 2025 को आयोजित की थी जबकि 31 अक्टूबर को प्रारंभिक परिणाम जारी किया गया था, जिसमें 83 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था।

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