प्रदेश के नौ लाख बेरोजगारों को मिल सकता है भत्ते का तोहफा
केंद्र सरकार की यूबीआइ (यूनिवर्सल बेसिक इनकम) योजना अगर लागू हो जाती है, तो उत्तराखंड के नौ लाख से अधिक बेरोजगार लाभान्वित हो सकेंगे।
हल्द्वानी, जेएनएन : केंद्र सरकार की यूबीआइ (यूनिवर्सल बेसिक इनकम) योजना अगर लागू हो जाती है, तो उत्तराखंड के नौ लाख से अधिक बेरोजगार लाभान्वित हो सकेंगे। इस योजना को लेकर राज्य में भी हलचल शुरू हो गई है, लेकिन कर्ज के बोझ के तले दबे उत्तराखंड सरकार के लिए योजना को पूरी तरह लागू करना आसान भी नहीं होगा। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार बेरोजगारों को भत्ता देने की योजना लागू करने के लिए पहल कर रही है। इसके तहत प्रतिमाह 2500 रुपये भत्ता दिए जाने का प्रावधान किया जाना है। राज्य में करीब नौ लाख 24 हजार 511 बेरोजगार पंजीकृत हैं। अगर योजना लागू हो जाती है, तो इन बेरोजगारों को लाभ मिल सकता है। इनके लिए राज्य को प्रतिमाह 231 करोड़ 12 लाख 77 हजार रुपयों का इंतजाम करना होगा। हालांकि, अभी योजना को लेकर किसी तरह का आदेश जारी नहीं हुआ है, लेकिन राज्य में भी इस तरह योजना को लेकर अंदरूनी स्तर पर हलचल शुरू हो गई है।
बेरोजगारी भत्ते की योजना को भाजपा ने कर दिया बंद : कांग्रेस सरकार ने बेरोजगारी भत्ता देने की शुरुआत की थी। प्रत्येक बेरोजगार को 1500 रुपये मासिक बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा था, लेकिन वर्ष 2017 में भाजपा के सरकार आने के बाद यह भत्ता बंद हो गया। प्रदेश में पिछले वर्ष तक करीब 210 करोड़ रुपये का बेरोजगारी भत्ता बांट दिया गया था। हालांकि, श्रम मंत्री हरक सिंह रावत कई बार बेरोजगारी भत्ते का विरोध कर चुके हैं।
देवभूमि बेरोजगार संघ संगठन के सचिव विनोद भट्ट का कहना है कि हमारा मुद्दा भत्ता नहीं है। राज्य में रोजगार कार्यालय में पंजीकरण के बिना भी अभ्यर्थी भी समूह ग की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। हम इसका विरोध करते हैं। सरकार को युवाओं को रोजगार देने के लिए ठोस पैरवी की जाए।
राज्य की यह है स्थिति
- 45585 करोड़ राज्य का इस वर्ष का है बजट
- 50 हजार करोड़ से अधिक का हो गया है कर्ज
- 9 लाख 24 हजार 511 बेरोजगार राज्य में पंजीकृत
- 231 करोड़ 12 लाख, 77 हजार रुपये प्रतिमाह करने होंगे खर्च
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