कोरोना काल में पैरोल और जमानत में छूटे 264 चोर और तस्कर अब भी फरार, खुलेआम घूम रहे बाहर
कोरोना काल में पैरोल और जमानत पर रिहा हुए 264 चोर और तस्कर अभी तक फरार हैं, जिससे जनता में डर का माहौल है। जेलों में भीड़ कम करने के उद्देश्य से इन्हें रिहा किया गया था। पुलिस इन भगोड़ों को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही इन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
चयन राजपूत, जागरण, हल्द्वानी। कोराना काल वर्ष 2021 में न्यायालय के निर्देश पर हल्द्वानी उप कारागार से रिहा हुए 225 अंडरट्रायल व 39 सजायफ्ता कैदी अब भी खुलेआम बाहर घूम रहे हैं।वर्ष 2021 में कुल 667 कैदियों को पैरोल व जमानत में रिहा किया गया था। जिसमें से 403 कैदी वापस जेल आ चुके हैं। बाकी चोरी व एनडीपीएस एक्ट के दौरान जेल में बंद 264 कैदी अभी भी बाहर हैं। आशंका है कि ये अपराध को अंजाम दे रहे होंगे।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद वर्ष 2021 में कोरोना संक्रमण का खतरा देखकर हल्द्वानी उप कारागार में कैदियों की संख्या घटाने के लिए 667 कैदियों को पैरोल व जमानत में रिहा किया गया था। लेकिन अंडर ट्रायल वाले 225 कैदी व सजायफ्ता 39 कैदी अब तक फरार चल रहे हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस संक्रमण के चलते जेलों में बंद कैदियों के लिए हाईपावर समिति बनाने के निर्देश दिए थे।
इसके बाद समिति ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से ऐसे कैदियों की सूची मांगी थी। जिन्हें कुछ समय के लिए आजाद किया जा सकता था।हालांकि गंभीर मामलों में जेल में बंद जैसे दुष्कर्म, गैंगस्टर जैसे कैदियों को रिहा नहीं किया गया था। उस दौरान कैदियों में कोरोना संक्रमण को देखते हुए यह तीन माह के लिए जमानत व पैरोल में भेजने का फैसला लिया गया और उन्हें विभिन्न राज्यों में छोड़ा गया।
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इस मामले में कई बार जेल प्रशासन को इन कैदियों को वापस लाने के निर्देश भी मिल चुके हैं लेकिन यह कैदी फरार हैं। संबंधित थाना चौकियों की पुलिस इन्हें खोजने में जुटी है। इससे जेल प्रशासन के लिए यह 264 कैदी सिरदर्द बन चुके हैं। अधिकांश कैदी रुद्रपुर, बिजनौर व मुरादाबाद के ही हैं।
हमने कई बार विभिन्न जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर इन कैदियों को ढूंढने का पत्राचार किया है। इस पर कार्रवाई गतिमान ही है। यह कैदी अंडर ट्रायल व सात साल से कम सजा वाले हैं।
- प्रमोद पांडे, जेलर, उपकारागार हल्द्वानी।
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