Haridwar Murder: भाई के साथ रहकर बहन से लिया बेवफाई का बदला, हत्या के रूप में हुआ प्रेम संबंधों का खौफनाक अंत
हरिद्वार में हंसिका की हत्या लिव-इन रिलेशनशिप टूटने के बाद बदले की भावना का नतीजा थी। प्रदीप जिसने हंसिका का गला काटा उसके भाई वरुण के साथ रह रहा था फिर भी वरुण को इस योजना की भनक तक नहीं लगी। हंसिका उसे सीतापुर से हरिद्वार लाई थी। सिडकुल में काम करने वाले युवा लिव-इन संबंधों में उलझे हुए हैं और हंसिका की हत्या इसका दुखद उदाहरण है।

मेहताब आलम, हरिद्वार। सरेआम चाकू से हंसिका का गला काटने वाले प्रदीप ने अचानक ही गुस्से में यह दुस्साहस नहीं किया। बल्कि, लिव इन टूटने के बाद हंसिका के किसी और युवक के संपर्क में आने का पता चलने पर उसके मन में बदले की चिंगारी सुलग रही थी।
हैरानी की बात यह है कि हंसिका से अलग होने के बाद प्रदीप एक महीने से उसके सगे भाई वरुण के साथ रह रहा था। साथ रहने, खाने-पीने के बावजूद वरुण को भनक तक नहीं लगी कि प्रदीप उसकी बहन के कत्ल की तैयारी कर रहा है।
जबकि हंसिका खुद चार साल पहले प्रदीप को सीतापुर से हरिद्वार लेकर आई थी। लिव इन में रहने के बाद उनके अस्थायी प्रेम संबंधों का खौफनाक अंत हत्या के रूप में हुआ।
सिडकुल की औद्योगिक इकाइयों में गैर राज्यों के डेढ़ लाख से ज्यादा युवक-युवतियां काम करते हैं। परिवार से मीलों दूर रहने वाले युवाओं में लिव इन से लेकर अवैध संबंध जैसी कुरीतियां किस हद तक आम हो चुकी हैं, हंसिका की निर्मम हत्या इसकी बानगी है।
हंसिका और प्रदीप सीतापुर से एक-दूसरे को जानते थे, लेकिन नौकरी के लिए हंसिका पहले हरिद्वार आई। प्रदीप के तीन भाई पहले से सिडकुल की औद्योगिक इकाइयों में काम करते हैं, इसलिए भी हंसिका के बुलाने पर प्रदीप हरिद्वार चला आया। यहां दोनों लिव इन में रहने लगे।
कुछ दिन पहले हंसिका का भाई वरुण भी हरिद्वार आकर एक कंपनी में काम करने लगा। हंसिका और प्रदीप के लिव इन में रहने की बात से वरुण भी वाकिफ था, लेकिन उसने कोई ऐतराज नहीं किया। बल्कि प्रदीप से उसके संबंध इतने सामान्य रहे कि हंसिका से अलगाव होने पर वह वरुण के साथ ही रहने लगा।
जागरण से बातचीत में वरुण ने बताया कि 2007 में बीमारी के कारण मां और 2016 में पिता की मौत हो गई थी। वे दो भाई हैं और एक बहन थी। छोटा भाई मौसी के घर सीतापुर में रहता है।
वरुण यादव ने बताया कि उसकी बहन अपनी सहेली के साथ रोशनाबाद में रहने लगी थी। प्रदीप के साथ रहने पर उसने कभी हंसिका को लेकर ऐसी बात नहीं कि जिससे उसके खतरनाक इरादों का पता चल सके।
वहीं, हंसिका भी प्रदीप के इरादे भांप नहीं सकी और बुलाने पर मिलने चली गई। जबकि प्रदीप पहले से उसकी हत्या का फैसला कर चुका था। इसलिए जेब में चाकू रखकर मिलने पहुंचा।
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