कार लोन के नाम पर युवक को लिया झांसे में, ठगे दो लाख रुपये
गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के पुरानी तहसील निवासी आसिफ को एक शख्स ने कार के नाम पर लोन दिलाने के नाम पर दो लाख की ठगी को अंजाम दिया गया।
रुड़की, जेएनएन। पुरानी तहसील निवासी एक युवक को कार खरीदने पर छह लाख रुपये का लोन दिलाने के नाम पर दो लाख रुपये की ठगी कर ली। एक आरोपित ने खुद को एक बैंक का कर्मचारी बताया था। पुलिस इस मामले में दो लोगों पर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के पुरानी तहसील निवासी आसिफ को कार खरीदनी थी। आसिफ का सपना टाकिज रोड पर रहने वाले नदीम के साथ उठाना बैठना है। आसिफ ने नदीम के सामने कार लोन का जिक्र कर दिया। जिस पर नदीम ने एक जून 2019 को उसे मनोज नाम के एक युवक से मिलाया। नदीम ने बताया कि वह एक बैंक का कर्मचारी है। वह कार खरीदने के लिए उसका लोन आसानी से करवा देगा। मनोज ने कार खरीदने पर कुछ दिन के भीतर लोन कराने की बात कही। उसकी बातों में आकर आसिफ ने उसे आधार कार्ड, आइडी समेत अन्य कागजात सौंप दिए। 14 जून को मनोज ने आसिफ को बताया कि उनके कार के लिए पांच लाख रुपये का लोन हो चुका है। उन्हें अब अपने बैंक के 20 चेक उन्हें देने होंगे।
नदीम ने उसे हस्ताक्षर किए हुए चेक सौंप दिए। बताया गया है मनोज ने एक चेक पर दो लाख की रकम भरकर उसे कैश करा लिया। इसी बीच आसिफ को जब इसका पता चला तो उसके होश उड़ गए। आसिफ मनोज के पास पहुंचा, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। नदीम ने भी उसके बारे में जानकारी होने से मना कर दिया। इसी बीच आसिफ को पता चला कि उसके चेक पर छह लाख की रकम भरकर मनोज कैश कराने की तैयारी में है। आसिफ ने किसी तरह से बैंक में जाकर इस चेक को निरस्त कराया। आसिफ ने गंगनहर कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर दोनों आरोपितों पर ठगी करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। गंनगहर कोतवाली के एसएसआइ रणजीत तोमर ने बताया कि मुकदमा दर्ज करने की तैयारी चल रही है।
कारोबारी से 10 लाख की ठगी में मुकदमा
न्यू आदर्शनगर निवासी कारोबारी से 10 लाख रुपये की ठगी के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। सिविललाइंस कोतवाली क्षेत्र के न्यू आदर्शनगर निवासी मयंक सचदेवा ने सिविललाइंस पुलिस को शुक्रवार को तहरीर दी थी। जिसमें बताया था कि वर्ष 2006 में मंगलौर क्षेत्र के टांडा निवासी व्यक्ति ने 10 लाख रुपये की रकम उधार मे ली थी, लेकिन कई साल तक रकम वापस नहीं की। दबाव डालने पर आरोपित ने चार जून 2019 को एक डेढ़ लाख रुपये का चेक दिया। जब उसने खाते में चेक लगाया तो पता चला कि उस पर फर्जी हस्ताक्षर किए गए है। जब कारोबारी ने विरोध किया तो उसने रकम देने से मना कर दिया था। पीडि़त ने इस बावत शुक्रवार को तहरीर दी थी। इंस्पेक्टर अमरजीत ङ्क्षसह ने बताया कि तहरीर पर आरोपित नावेद मजहर पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
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