Haridwar Kumbh 2021: कुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को घाटों पर लग रही रेलिंग, जल पुलिस के गोताखोर भी रहेंगे तैनात
Haridwar Kumbh 2021 कुंभ मेले में स्नान के दौरान कोई श्रद्धालु हादसे का शिकार न हो इसके लिए माकूल इंतजाम किए जा रहे हैं। भीड़ के मद्देनजर हरकी पैड़ी के साथ-साथ शहर के सभी गंगा घाटों पर रेलिंग लगाने और मरम्मत का कार्य किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Haridwar Kumbh 2021 कुंभ मेले में स्नान के दौरान कोई श्रद्धालु हादसे का शिकार न हो, इसके लिए माकूल इंतजाम किए जा रहे हैं। भीड़ के मद्देनजर हरकी पैड़ी के साथ-साथ शहर के सभी गंगा घाटों पर रेलिंग लगाने और मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। वहीं, प्रमुख घाटों पर जल पुलिस के गोताखोर भी तैनात रहेंगे।
कुंभ के दौरान हरकी पैड़ी के ब्रह्मकुंड, मालवीय घाट, नाईसोता घाट, जनाना घाट, सुभाष घाट के अलावा गऊ घाट, विष्णुघाट, राम घाट, बिरला घाट आदि गंगा घाटों पर भी श्रद्धालु स्नान करते हैं। भीड़ में स्नान के दौरान श्रद्धालु पानी के तेज बहाव में न बह जाएं, इसके लिए घाटों पर रेलिंग लगाई गई हैं, जिससे सीढ़ियों पर बैठकर श्रद्धालु रेलिंग के सहारे डुबकी लगा सकें। पिछले दिनों आइजी कुंभ संजय गुंज्याल ने हरकी पैड़ी और आसपास के गंगा घाटों का मुआयना करते हुए कुछ जगहों पर नई रेलिंग और कुछ क्षतिग्रस्त रेलिंग की मरम्मत के निर्देश दिए थे।
कुछ घाटों पर श्रद्धालुओं की सुविधानुसार सीढ़ियां बनाने के लिए भी कहा गया था। इस पर काम शुरू कर दिया गया है। कुंभ मेला प्रशासन की ओर से हरकी पैड़ी सहित विभिन्न घाटों पर स्नानार्थियों की सुरक्षा के लिए रेलिंग लगाई जा रही है। फिलहाल रोड़ी बेलवाला, सुभाष घाट, गऊघाट सहित हरकी पैड़ी के गंगा घाटों पर रेलिंग लगाई जा चुकी है। गंगा का जल स्तर बढ़ने पर स्नानार्थियों को अब बहने या डूबने का खतरा नहीं रहेगा। कुंभ मेला एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी ने बताया कि मेले के दौरान पर्याप्त संख्या में जल पुलिस के गोताखोर घाटों पर मुस्तैद रहेंगे। बोट के सहारे भी डूबने और बहने वालों को बचाया जाएगा। इसके लिए घाटों पर श्रद्धालुओं की क्षमता के लिहाज से गोताखोरों की ड्यूटियां लगाई जाएंगी।
कुंभ के बाद भी मिलेगा लाभ
कुंभ के बाद इनका लाभ स्थानीय निवासियों को मिलेगा। गर्मियों के सीजन में स्थानीय निवासी गर्मी से राहत पाने के लिए बड़ी संख्या में गंगा घाटों का रुख करते हैं। डूबने और बहने की घटनाएं भी लगातार सामने आती हैं। नई रेलिंग लगने और क्षतिग्रस्त रेलिंग की मरम्मत होने से स्थानीय निवासी खतरे की जद में आने से बच जाएंगे।
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