Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गन्ना आयुक्त ने नारसन क्षेत्र के 12 से अधिक गांव का किया दौरा; किसानों ने कहा- साहब! इस बार भूखों मरने की हालत

    By Raman TyagiEdited By: riya.pandey
    Updated: Fri, 28 Jul 2023 05:55 PM (IST)

    जलभराव से हुए फसलों के नुकसान को देखने के लिए गन्ना आयुक्त ने नारसन क्षेत्र के 12 से अधिक गांवों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने लखनौता व उदलहेड़ी में चौपाल लगाकर किसानों की समस्याओं को जाना। किसानों ने बताया कि इस साल क्षेत्र में भूखो मरने जैसे हालात हैं। गन्ने की फसल बर्बाद हो गई है और दूसरी फसल लगाई नहीं जा सकती है।...

    Hero Image
    गन्ना आयुक्त ने नारसन क्षेत्र के 12 से अधिक गांव का किया दौरा

    संवाद सहयोगी, मंगलौर: जलभराव से हुए फसलों के नुकसान को देखने के लिए गन्ना आयुक्त ने नारसन क्षेत्र के 12 से अधिक गांवों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने लखनौता व उदलहेड़ी में चौपाल लगाकर किसानों की समस्याओं को जाना। किसानों ने बताया कि इस साल क्षेत्र में भूखो मरने जैसे हालात हैं। गन्ने की फसल बर्बाद हो गई है और दूसरी फसल लगाई नहीं जा सकती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जलभराव से हरिद्वार जिले के किसान परेशान

    इस बार बाढ़ व जलभराव की वजह से गन्ने की फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। हरिद्वार जिले के किसान परेशान हैं। नारसन क्षेत्र के किसानों को जैसे ही गन्ना आयुक्त हंसादत्त पांडे के गांव में पहुंचने की सूचना मिली, किसान खेतों में पहुंच गए। मोहम्मदपुर, टिकौला, दहियाकी गांव में जाने के बाद लखनौता में बड़ी संख्या में किसान पूर्व चेयरमैन अशोक चौधरी के फार्म पर एकत्र हो गए। यहां पर किसानों ने गन्ना आयुक्त को अपनी व्यथा सुनाई। उन्होंने बताया कि किसान कर्ज लेकर गन्ने की फसल को तैयार करता है।

    इस माह के दूसरे सप्ताह में जलभराव से फसल बर्बाद

    जुलाई के पहले सप्ताह तक किसानों ने खाद, कीटनाशक का छिड़काव पूरा कर दिया था। दूसरे सप्ताह में जलभराव से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। खेत सूख गए हैं। इस बार नवंबर तक खेत खाली रह जाएंगे ऐसे में न तो बैंक का कर्ज उतर पाएगा और न ही घर का खर्च चल पाएगा। इसके बाद उन्होंने उदलहेड़ी गांव में बिजेन्द्र सिंह की चौपाल पर किसानों से वार्ता की।

    इस क्षेत्र में 40 प्रतिशत तक नुकसान की आशंका

    किसानों ने बताया कि बीस दिन से खेतों से एक बूंद पानी तक नहीं निकला है। पहले तो चारे की फसल नष्ट हो गई है। अब उनको मवेशियों को औने-पौने दाम में बेचना पड़ रहा है। इस मौके पर लिब्बरहेड़ी चीनी मिल के प्लांट हेड लोकेन्द्र सिंह लांबा, चीनी मिल के महाप्रबंधक गन्ना अनिल कुमार सिंह मौजूद रहे। गन्ना आयुक्त ने बताया कि इस क्षेत्र में करीब 40 प्रतिशत तक नुकसान की आशंका है।