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    Haridwar: पूर्व वायु सैनिक की हत्या में बेटा निकला मास्टरमाइंड, संपत्ति के लालच में दोस्त से करवाया कत्ल

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 08:55 PM (IST)

    बहादराबाद में एक पूर्व वायु सैनिक की हत्या का मामला सामने आया, जिसमें मृतक का बेटा ही मास्टरमाइंड निकला। संपत्ति के लालच में बेटे ने दोस्तों के साथ मिलकर पिता की हत्या की साजिश रची। पुलिस ने बेटे और हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में पता चला कि संपत्ति विवाद के चलते बेटे ने इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया।

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    रिटायर्ड सैनिक भगवान सिंह। वहीं, पुलिस की गिरफ्त में आरोपित यशपाल व उसके दोस्त राजन व शेखर।

    संवाद सूत्र, जागरण, बहादराबाद: पूर्व वायु सैनिक की हत्या में उनका बेटा ही मास्टर माइंड निकला। करोड़ों रुपये की संपत्ति अपने नाम कराने की सनक में उसने दो दोस्तों के साथ मिलकर पिता की हत्या की साजिश रची।

    योजना के तहत दोस्त ने लिफ्ट मांगी और चलती कार में पूर्व सैनिक की कनपटी में गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपित बेटे व 30 लाख की नकदी और एक स्कार्पियो की एवज में हत्या करने वाले दोनों दोस्तों को तमंचे व कारतूस के साथ गिरफ्तार कर लिया।

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    एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि कनखल निवासी भगवान सिंह साल 2013 में एयरफोर्स से वीआरएस लेने के बाद से जमालपुर कलां में जेवीजी कालोनी में रहते थे।

    शनिवार रात वह बेटे यशपाल सिंह के साथ एक शादी समारोह में रोशनाबाद जाने के लिए निकले थे। जटवाड़ा पुल पर लिफ्ट मांगकर उनकी कार में सवार हुए एक व्यक्ति ने उनके पिता को गोली मार दी है।

    पुलिस मौके पर पहुंची तो भगवान सिंह को लहूलुहान पाया। हायर सेंटर रेफर करने पर उपचार के दौरान भगवान सिंह की मौत हो गई। कहानी में झोल नजर आने पर पुलिस ने सबसे पहले बेटे को ही शक के दायरे में लेकर पूछताछ की।

    एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि पूर्व सैनिक भगवान सिंह के पास करोड़ों की संपत्ति थी। बेटे यशपाल की संगत ठीक नहीं थी। इसलिए बाप-बेटे के संबंध ठीक नहीं थे।

    यशपाल काफी समय से पिता की संपत्ति अपने नाम कराने का दबाव बना रहा था। कुछ दिन पहले पिता ने संपत्ति उसके नाम करने से साफ मना कर दिया था।

    साथ ही, उसे संपत्ति से बेदखल करने की चेतावनी तक दे डाली थी। जिससे नाराज यशपाल ने अपने दोस्त राजन उर्फ ललित मोहन निवासी सीतापुर ज्वालापुर और शेखर निवासी बालाजीपुरम सीतापुर के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची।

    अपने ही बुने जाल में उलझ गया यशपाल

    अलग-अलग पुलिस अधिकारियों ने उससे अलग-अलग सवाल किए। उसने अलग-अलग कहानी पुलिस को बताई। सबसे बड़ा सवाल यह था कि बदमाश ने पिता को गोली मारी और बेटे को क्यों छोड़ दिया। फिर कोई लूटपाट तक नहीं हुई। पुलिस चंद मिनट में ही यह भांप गई थी कि यशपाल की भूमिका संदिग्ध है। लिफ्ट देने की पूरी कहानी फर्जी निकली।

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