हाईवे पर बैठे राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी के कार्यकर्त्ता, पुलिस ने खदेड़ा; शेर सिंह राणा समेत 200 कार्यकर्ताओं पर दर्ज किया मुकदमा
राष्ट्रवादी जन लोक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शेर सिंह राणा के नेतृत्व में दिल्ली-दून नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया है। जिले भर से कार्यकर्ता अपनी मांगों ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, हरिद्वार : स्थानीय युवाओं को उद्योगों में 70 प्रतिशत रोजगार देने की मांग को लेकर हरिद्वार-दिल्ली हाईवे पर बैठे राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी (आरजेपी) के नेताओं के सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह से उलझने पर पुलिस ने लाठियां फटकार कर उन्हें दूर तक खदेड़ दिया। इसके बाद ही हाईवे पर वाहनों की आवाजाही हो पाई। इसके बाद संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट जगदीश लाल को अपनी मांग से संबंधित ज्ञापन सौंप दिया। वहीं देर शाम को शेर सिंह राणा व समर्थकों पर दो अलग-अलग मुकदमें दर्ज किए गए हैं। इस मामले में शहर कोतवाली में शेर सिंह राणा व 200 कार्यकर्ताओं पर कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं, कनखल थाने में हाइवे पर जाम लगाकर रास्ता अवरुद्ध करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
रविवार को पार्टी के संयोजक शेर सिंह राणा ने सूबे में लगी औद्योगिक ईकाइयों में 70 फीसद युवाओं की हिस्सेदारी तय करने की मांग को लेकर ऋषिकुल मैदान से चंडीघाट चौक तक वाहन रैली निकालने का ऐलान किया था। दोपहर करीब 12 बजे के आसपास पार्टी संयोजक की अगुआई में कार्यकत्र्ता ऋषिकुल मैदान में एकत्र होने लग गए थे। लेकिन, लक्सर पट्टी के ग्रामीण अंचल से आ रहे कार्यकत्र्ताओं को फेरुपुर पुलिस चौकी पर बैरियर लगाकर पुलिस फोर्स ने रोक लिया। इसकी जानकारी मिलने पर पार्टी संयोजक शेर सिंह राणा ने मौके पर मौजूद सिटी मजिस्ट्रेट जगदीश लाल, सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह से कार्यकत्र्ताओं को रैली स्थल तक आने देने की बात कही। लेकिन, काफी समय बीतने पर भी जब कार्यकत्र्ताओं को नहीं आने दिया गया। तब इस बात से गुस्साए कार्यकत्र्ताओं ने ऋषिकुल पुल के पास हरिद्वार-दिल्ली हाईवे पर जाम लगा दिया। हाईवे पर जाम लगने से दोनों तरफ भारी-हल्के वाहनों की लंबी लाइन लग गई।

सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ सिटी ने प्रदर्शनकारियों को समझाना चाहा, लेकिन वे टस से मस नहीं हुए। इधर, जाम में फंसे श्रद्धालु पर्यटक चिलचिलाती धूप होने के कारण बिलबिला उठे। करीब बीस मिनट गुजरने के दौरान प्रदर्शनकारियों को समझाते हुए सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह से आरजेपी कार्यकत्र्ताओं के उलझने पर पुलिस फोर्स ने लाठियां फटकार कर उन्हें खदेड़ दिया। इधर, लंबे जाम को खुलवाने में पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। प्रदर्शनकारियों में पार्टी अध्यक्ष सत्यवती राणा, जिलाध्यक्ष रामनिवास राणा, धीरज राणा, यमुना नगर की रादौर विधानसभा के पूर्व विधायक श्याम सिंह, बलवंत ठाकुर, दुष्यंत सिंह, राजवीर सिंह गुर्जर, प्रणव, मोनू चौहान समेत अनेक कार्यकत्र्ता शामिल रहे।
सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह का कहना है कि इस संबंध में आरजेपी नेताओं पर दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए जाएंगे। हरिद्वार कोतवाली में आपदा प्रबंधन अधिनियम, बिना अनुमति रैली निकालने के संबंध में एवं कनखल थाने में हरिद्वार-दिल्ली हाईवे जाम करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
खुफिया विभाग हुआ फेल
रविवार को खुफिया विभाग की लापरवाही सामने आई। विभाग ने आरजेपी की वाहन रैली को हल्के में लिया। यदि एलआइयू ने अपनी जिम्मेदारी निभाई होती तो हाईवे जाम करने में आरजेपी सफल नहीं होती। ना ही श्रद्धालु व पर्यटकों को दिक्कत झेलनी पड़ती। खुफिया विभाग को इल्म ही नहीं था कि आरजेपी कार्यकत्र्ता इतनी संख्या में एकत्र हो जाएंगे।
पूर्व सीएम से शेर सिंह की निकटता
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सपा सांसद फूलन देवी हत्याकांड के आरोपी शेर सिंह राणा ने शहर में प्रदर्शन कर सियासी हलकों में बैचेनी पैदा कर दी है। चर्चा यह है कि एक पूर्व सीएम से आरजेपी संयोजक शेर सिंह राणा की निकटता है, संभवत विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दोनों एक मंच साझा कर सकते है, हालांकि आरजेपी संयोजक शेर सिंह राणा का पूरा फोकस ठाकुर बिरादरी पर ही है।

टस से मस नहीं हुए कार्यकर्त्ता
आरजेपी कार्यकत्र्ता चिलचिलाती धूप में भी टस से मस नहीं हुए। ऋषिकुल मैदान से लेकर हाईवे जाम कर देने के बाद भी वे अपने नेता शेर सिंह राणा को लेकर नारेबाजी करते रहे। इनमें युवा ज्यादा नजर आए। हर कोई आरजेपी का झंडा हाथ में लिए हुए था और सिर पर मैरून-सफेद रंग की टोपी पहनी हुई थी। वाहन रैली में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश से भी कार्यकत्र्ता आए थे।
गायब रहे आला अफसर
हरिद्वार-दिल्ली हाईवे पर बीस मिनट तक लंबा जाम लगा रहा। यातायात पुलिस के एक, दो कांस्टेबल ही मौके पर नजर आए। एसपी यातायात पीके राय से लेकर उनके अधीनस्थ गायब ही रहे। पूरा प्रदर्शन खत्म होने के बाद भी यातायात की जिम्मेदारी संभाल रहे अफसरों ने मौके पर पहुंचकर जाम खुलवाने की जहमत नहीं उठाई। शहर कोतवाली, रानीपुर एवं रानीपुर कोतवाली पुलिस ही प्रदर्शनकारियों से जूझने से लेकर यातायात खुलवाने में जुटी रही।

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